बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी चहलकदमी तेज हो गई है. रविवार को मोकामा से बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर नीतीश कुमार से मुलाकात की.
अनंत सिंह की नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद अब उनके जेडीयू के साथ वापस आने के सियासी कयास भी लगाए जा रहे हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव में अनंत सिंह ने परदे के पीछे रहकर जेडीयू उम्मीदवार ललन सिंह की मदद की थी. पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद अनंत सिंह ललन सिंह के लिए चुनाव प्रचार भी करते नजर आए थे.
अनंत सिंह पिछले हफ्ते ही पटना की बेऊर जेल से रिहा हुए हैं. अनंत सिंह करीब 10 साल जेल में रहे हैं. करीब एक दशक तक बिहार की राजनीति से दूर रहे अनंत सिंह जेल से बाहर आते ही सियासत में एक्टिव हो गए हैं. चर्चा है कि अनंत सिंह अब अपनी राजनीति की सेकंड इनिंग की तैयारी में जुट गए हैं. पटना हाई कोर्ट ने मोकामा के पूर्व विधायक को एके-47 और बुलेट प्रूफ जैकेट के मामले में बरी कर दिया. जिसके बाद पिछले हफ्ते वो जेल से रिहा हो गए.
2020 में आरजेडी के टिकट पर लड़ा था चुनाव
राजनीति में न किसी का कोई परमानेंट दोस्त होता और न कोई दुश्मन फिलहाल अनंत सिंह पर यह बिल्कुल फिट बैठता नजर आ रहा है. अनंत सिंह की सियासी कहानी भी कुछ ऐसी ही है. अनंत सिंह आरजेडी में भी रह चुके हैं और 2020 के बिहार चुनाव में किस्मत भी आजमा चुके हैं. विधायक जीतने के बाद 2022 में एमपी-एमएलए कोर्ट ने एके-47 मामले में अनंत सिंह को 10 साल की सजा सुनाई. सजा होने के बाद अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता चली गई है.
नीतीश के पलटी मारने के बाद बदला सियासी गणित
इसके बाद मोकामा सीट पर उपचुनाव हुए, अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी आरजेडी के टिकट पर मैदान लड़ीं और जीतकर विधानसभा पहुंचीं. 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने पलटी मारी और एनडीए में शामिल हो गए. महागठबंधन को बाय-बाय कर दिया. दूसरी ओर नीलम देवी भी एनडीए में शामिल हो गईं.
लिपि सिंह और ललन सिंह पर लगे थे आरोप
जिस समय अनंत सिंह एके-47 मामले में फंसे थे तो उस समय आरोप लगे थे कि लिपि सिंह और जेडीयू नेता ललन सिंह ने उन्हें फंसाया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान जेडीयू और अनंत सिंह की अदावत वाली कहानी में उस समय नया मोड़ आ गया जब मोकामा के पूर्व विधायक पैरोल पर जेल से बाहर आए. मुंगेर लोकसभा चुनाव में पर्दे के पीछे रहकर उन्होंने ललन सिंह का समर्थन किया.
जेडीयू के साथ शुरू कर सकते हैं सेकंड इनिंग
इसके बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और अनंत सिंह को निर्दोष माना. अनंत सिंह अब बाहर आकर सियासी रणनीति बनाने में जुट गए हैं. ऐसे में चर्चा है कि अनंत सिंह आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से सियासी दांव खेलते हुए नजर आ सकते हैं. नीतीश कुमार से उनकी यह मुलाकात अपने आप में भी बहुत कुछ बता रही है.
अनंत सिंह की बदलती राजनीति
अनंत सिंह की बदलती राजनीति की बात करें तो साल 2005 में जेडीयू की टिकट पर मोकामा से विधायक बने. इसके बाद 2010 में फिर से जेडीयू से विधायक निर्वाचित हुए. 2015 में निर्दलीय विधानसभा पहुंचे. 2020 में आरजेडी के टिकट पर विधायक बने. अब देखना है कि 2025 में वो किस पार्टी की ओर से सियासी बैटिंग करते हैं.
मुंगेर में अच्छी पकड़
बिहार में खासकर मुंगेर जिले में अनंत सिंह की अच्छी खासी पकड़ है. इसी जिले की मोकामा सीट से चार बार के विधाकय भी रहे हैं. खासकर भूमिहार वोटरों में इनकी अच्छी पैठ है. मुंगेर में ज्यादा भूमिहारों पहली पंसद अनंत सिंह ही माने जाते हैं. बाहुबली नेताओं में इनकी गिनती होती है, जिसका चुनाव में इनको लाभ भी मिलता रहा है.