मध्य प्रदेश के छतरपुर में बुलडोजर एक्शन पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को कहा कि, बुलडोजर न्याय पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसे रोकना होगा। यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में आरोपी एक व्यक्ति के घर को गिरा दिया गया। जिसके लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं।
प्रियंका गांधी ने ने बुलडोजर की कार्रवाई को गलत बताया है और कहा कि अपराधियों को सजा सिर्फ कोर्ट दे सकती है। मध्य प्रदेश के छतरपुर की घटना के बाद अब बुलडोजर जस्टिस के विरुद्ध विपक्षी दल कांग्रेस आक्रमक है।
एक्स पर एक पोस्ट में प्रियंका गांधी ने जोर देकर कहा कि अगर कोई किसी अपराध का आरोपी है तो उसका अपराध और उसकी सजा सिर्फ अदालत तय कर सकती है। लेकिन आरोप लगते ही आरोपी के परिवार को सजा देना, उनके सिर से छत छीन लेना, कानून का पालन न करना, अदालत की अवहेलना करना, आरोप लगते ही आरोपी का घर ढहा देना- यह न्याय नहीं है। यह बर्बरता और अन्याय की पराकाष्ठा है।
प्रियंका गांधी ने जोर देकर कहा कि “कानून बनाने वाले, कानून के रखवाले और कानून तोड़ने वाले में फर्क होना चाहिए। सरकारें अपराधी की तरह व्यवहार नहीं कर सकतीं। कानून, संविधान, लोकतंत्र और मानवता का पालन सभ्य समाज में शासन की न्यूनतम शर्त है। जो राजधर्म नहीं निभा सकता, वह न तो समाज का कल्याण कर सकता है, न ही देश का। बुलडोजर न्याय पूरी तरह अस्वीकार्य है, यह बंद होना चाहिए।
पूरा मामला छतरपुर कोतवाली थाना क्षेत्र में शहजाद अली के घर को गिराए जाने से जुड़ा है। अली कथित रूप से संत रामगिरी महाराज की टिप्पणियों के विरोध में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा में शामिल था। इसमें दो पुलिसकर्मियों के घायल होने और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त होने की घटना हुई थी।
रामगिरी महाराज ने कथित रूप से महाराष्ट्र के नासिक जिले के सिन्नर तालुका के शाह पंचाले गांव में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान इस्लाम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। इससे मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन आयोजित किया, जो बाद में हिंसक हो गया।
एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को हुई हिंसा के लिए 150 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसमें 46 व्यक्तियों का नाम विशेष रूप से दर्ज किया गया था। अली के घर को तुरंत गिराए जाने से विभिन्न क्षेत्रों में काफी विवाद और आलोचना पैदा हुई है।