कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय,कुरुक्षेत्र के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि विकसित भारत-2047 बनने का स्वरूप उद्यमिता एवं कौशल विकास में निहित है। छात्रों को इन-हाउस नवाचार एवं उद्यमिता के अवसर प्रदान करने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया गया है जिसके मद्देनजर केयू में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए दो इनक्यूबेशन सेंटर बनाए गए हैं।
प्रो. सोमनाथ सचदेवा आज विश्व उद्यमी दिवस पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रौद्योगिकी इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा भारत के लिए निर्माण विषय पर आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि विश्व में भारत 37 करोड़ युवाओं के साथ सबसे युवा देश है। युवा संवेदनशीलता से सृजनशीलता का प्रयास करें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का उद्देश्य ज्ञान हस्तांतरण को ज्ञान के सृजन के रूप में बदलना है। केयू देश में एनईपी-2020 को कैम्पस यूजी प्रोग्राम्स एवं सम्बन्धित महाविद्यालयों में सभी प्रावधानों के साथ लागू करने वाला पहला विश्वविद्यालय है और वर्तमान सत्र से इसे पीजी प्रोग्राम्स में भी लागू किया गया है। जीवन में सफलता के लिए ज्ञान, कौशल और सकारात्मक दृष्टिकोण आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में शोध को बढ़ावा देने के लिए पेंटेट दर्ज करने के लिए इको सिस्टम विकसित किया गया है। अब तक 60 पेटेंट दर्ज किए जा चुके हैं जिनमें से कुछ पब्लिश व अवार्ड हो चुके हैं। उन्होंने युवाओं से समय बचाकर कोई न कोई स्किल सीखने का आह्वान किया ताकि वो आत्मनिर्भर बनकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें।
उन्होंने बताया कि स्टार्टअप के माध्यम से विकास की अपार संभावनाएं हैं। आवश्यकता आविष्कार की जननी है। देश में हजारो समस्याएं हैं तथा इन समस्याओं का समाधान स्टार्टअप में निहित है। उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाने में उद्यमियों का अहम योगदान रहा है। जीवन में हार के आगे जीत है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पेटीएम एक छोटे स्टार्टअप से शुरू होकर शिखर पर पहुंच चुका है। एआई तकनीक से आज दुनिया बदल रही है। उन्होंने विद्यार्थियों से पुस्तकें पढक़र जीवन में आगे बढऩे का आह्वान किया।