चंडीगढ़ : भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द ने आज कहा कि वैश्विक खाद्य व्यापार में क्रांतिकारी बदलाव आया है और हमें इन बदलावों के लाभ और इस व्यापार की क्षमता को प्रत्येक खेत और प्रत्येक किसान तक पहुंचाना होगा।
राष्ट्रपति आज हरियाणा के सोनीपत में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (एनआईएफटीईएम) के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे दृढ़ निश्चियी और प्रतिबद्ध किसानों ने अपने देश के लिए खाद्यान्नों का उत्पादन किया है और अपने उत्पादों को विश्व स्तर पर प्रस्तुत किया है। सेवा क्षेत्र में भारत ने अपनी विशाल मानव प्रतिभाओं का लाभ उठाया है और विश्वस्तरीय उद्योगों के निर्माण के लिए कम लागत की अवसंरचनाओं का निर्माण किया है। ऐसा कोई कारण नहीं है कि कृषि और खाद्य एवं कृषि आधारित उद्योगों में इसे न दोहराया जा सके।’’
भारतीय कृषि उत्पाद- चाहे वे चावल, दूध, फल और सब्जियां हों या मिर्च हो, विश्वभर की सुपरमार्केट में उपलब्ध हैं और विश्वभर के प्रत्येक घर में उनका उपयोग किया जा रहा है। यह हमारे युवाओं के लिए खाद्य प्रसंस्करण के साथ-साथ खाद्य आपूर्ति श्रंृखला में कोल्ड स्टोरेज और संरक्षण में अनेक रोजगार के अवसर सृजित करने में सहायता कर सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि एक समाज के रूप में और एक व्यक्ति के रूप में हम अपने किसानों का बेहतर जीवन बनाने और उन्हें प्रकृति व मौसम की विपरीत स्थिति से बचाने और मांग व आपूर्ति की अनिश्चितता की स्थिति से मुक्त करने के लिए कृत संकल्प हैं। सरकार ने इसे और आगे बढ़ाने के लिए नीतियां और कार्यक्रम बनाएं हैं। खाद्य श्रृंखला के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग इन कार्यक्रमों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एनआईएफटीईएम जैसे संस्थानों के स्नातक इसमें और अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक आदतों में बदलाव और बड़े पैमाने पर उभरे न्यूक्लियर परिवारों के दृष्टिगत भारत में पैकेजड और रेडी-टू-इट खाद्य उत्पादों की मांग बढ़ेगी। खाद्य और स्वदेशी सामग्री जो वैश्विक मानकों की हैं, की गुणवत्ता बनाए रखना, लेबलिंग और मानकों को बनाए रखना एक चुनौती है।
यह सुनिश्चित करने के कदम उठाएं जाएं कि पैकेजड खाद्य सामग्री सुविधा और स्वास्थ्य दोनों को बढ़ावा दें ताकि पौष्टिक अनाज व पारम्परिक खाद्य वस्तुओं में पोषक तत्व विद्यमान रहें। इसलिए खाद्य उद्योग हमारी जीवनशैली के अनुरूप उनमें बदलाव लाएं।
श्री रामनाथ कोविन्द ने कहा कि हमें अपने ब्रांडों के निर्माण के प्रति सजग रहना है, विशेष रूप से परंपरागत और पोषक खाद्य वस्तुओं के लिए जो सदियों से भारत का गौरव है और देश व विदेश में कहीं ज्यादा उपभोक्ताओं तक पहुंच सकती हैं।
स्नातक व स्नातकोत्तर की शिक्षा में गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों को प्रथम दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने उपाधियां प्रदान की। निफ्टम के प्रथम दीक्षांत समारोह में स्नातक व स्नातकोत्तर की शिक्षा पूर्ण कर चुके 540 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई।
हरियाणा के राज्यपाल प्रो० कप्तान सिंह सोलंकी ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि यह संस्थान (निफ्टम) वास्तव में ही मेक-इन-इंडिया व स्टार्ट अप इंडिया का कार्य कर रहा है। राज्यपाल ने खाद्य प्रौद्योगिकी व उद्यमशीलता की शिक्षा पूर्ण कर चुके विद्यार्थियों से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र के विकास व कृषि क्षेत्र को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने में अपनी महत्ती भूमिका निभाते हुए राष्ट्र की अपेक्षाओं को पूर्ण करने में अपना योगदान देने की अपेक्षा की।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं उद्यमशीलता ने क्षेत्र को क्रमबद्ध व योजनाबद्ध रूप से विकसित करने के लिए नए कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र के विस्तार की दिशा में 14 बिलियन डालर के एमओयू हुए है। हरियाणा व पंजाब क्षेत्र की कृषि उत्पादकता का जिक्र करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश की जनता को शुद्ध एवं पौष्टिक खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं उद्यमशीलता को विस्तार दिया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने इस क्षेत्र को विकसित करने में खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमशीलता व प्रबंधन की शिक्षा पूर्ण कर चुके विद्यार्थियों से उनकी सक्रिय भूमिका की अपेक्षा की। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि शिक्षा पूर्ण कर चुके विद्यार्थी राष्ट्र निर्माण की दिशा में उनके संबंधित क्षेत्रों में योगदान देने का संकल्प लें।
राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता एवं प्रबंधन संस्थान के कुलपति डॉ चिंदी वासुदेवप्पा ने अपने संबोधन में निफ्टम का प्रगति विवरण प्रस्तुत किया।
निफ्टम के प्रथम दीक्षांत समारोह में हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कविता जैन, सांसद श्री रमेश कौशिक, राष्ट्रीय परिषद कृषि विपणन बोर्ड की चेयरपर्सन श्रीमती कृष्णा गहलावत, हरियाणा के मुख्य सचिव श्री डी.एस. ढेसी, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री जे.पी. मीणा, सोनीपत के उपायुक्त के. मकरंद पांडुरंग, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार, एडीसी आमना तसनीम, एसडीएम जितेन्द्र कुमार, नायब तहसीलदार देशराज कम्बोज, निफ्टम के कुलसचिव श्री टी.एन. गिरी, निफ्टम के डीन (शोध) डॉ० मंजीत अग्रवाल, डीन (शैक्षणिक) डॉ० आशुतोष उपाध्याय, परीक्षा नियंत्रक डॉ० विकास सक्सेना, कृषि व पर्यावरण विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ० एम.पी. साहू, खाद्य व्यवसाय प्रबंधन विभाग के अध्यक्ष डॉ० संजय भयाना व खाद्य इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ० पी.के. नेमा आदि मौजूद थे।