कांग्रेस सांसद जयराम रमेश का कहना है, ”सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर अच्छा कदम उठाया है
जिसमें विदेश मंत्री ने विपक्ष के सभी नेताओं को बांग्लादेश के हालात से अवगत कराया…लेकिन, अच्छा होता अगर पीएम मोदी इस बैठक का हिस्सा होते…26 मार्च 1971 को पीएम इंदिरा गांधी ने बैठक बुलाई. सर्वदलीय बैठक…प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं आते?…कितनी बार संसद आते हैं?….राहुल गांधी जब संसद को संबोधित कर रहे थे तो दो बार खड़े होकर करवट बदलते दिखे उनकी टिप्पणियाँ…इस सत्र में, मैंने प्रधान मंत्री के खिलाफ दो विशेषाधिकार नोटिस दिए। लोकसभा में उन्होंने (पीएम मोदी) भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की. राहुल गांधी के बारे में अनुराग ठाकुर की टिप्पणी को लोकसभा से हटा दिया गया था लेकिन उन टिप्पणियों को पीएम मोदी ने ट्वीट किया था। मैंने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी दायर किया है. उन्होंने कहा कि वायनाड भूस्खलन को लेकर उन्होंने केरल सरकार को पहले ही चेतावनी दे दी थी. इसका समर्थन करने वाले सबूत कहां हैं? वह झूठ बोल रहे थे…संविधान की प्रस्तावना को एनसीईआरटी की विभिन्न पुस्तकों से हटा दिया गया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने किताब लाकर राज्यसभा में दिखाई भी…इस संबंध में शिक्षा मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस दायर किया गया है…
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश का कहना है, ”वक्फ बोर्ड (संशोधन विधेयक) को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया है…यह अधिनियम असंवैधानिक, आपत्तिजनक है…कई दलों ने इसे लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है …रिपोर्ट पेश की जाएगी और इस पर चर्चा होगी…विपक्ष के दबाव के कारण सरकार को इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजना पड़ा…”
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश का कहना है, ”पिछले डेढ़ साल से कांग्रेस पार्टी मांग कर रही है कि जाति जनगणना कराना जरूरी है ताकि समाज के वंचित वर्गों को सामाजिक न्याय मिल सके…दूसरी मांग यह है कि आरक्षण को 50% की सीमा से अधिक करने के लिए संसद को एक कानून पारित करना चाहिए…इस सत्र में भी राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन मांगों को दोहराया…”