चंडीगढ : हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि ऑपोजिशन का अर्थ ही टू ऑपोज होता है। इसलिए विपक्षी दल सरकार के ठीक कार्यों का विरोध ही करेंगे। लेकिन सरकार जनहित में बेहतर कार्य करती रहेगी।
मुख्यमंत्री टिम्बर ट्रेल चिंतन शिविर के समापन अवसर पर आज पिंजौर में एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय शिविर में सभी मंत्रियों और अधिकारियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति रही। हरियाणा में इस तरह का चिंतन शिविर पहली बार भाजपा सरकार ने आयोजित किया है। इस शिविर में इस विषय पर खुलकर चर्चा हुई कि हरियाणा और अधिक समृद्ध और खुशहाल कैसे हो। उन्होंने कहा कि इस शिविर में वर्ष 2019, 2022 व 2030 में हरियाणा का स्वरूप क्या हो, इस पर भी मंत्रियों की अध्यक्षता में गठित पांच समूहों ने खुलकर चर्चा की। इस शिविर में राजनीतिज्ञों के अलावा मीडिया से जुड़े लोगों व हरियाणा के यंग अचीवर को भी बुलाया गया था। मेरे सपनों का हरियाणा सत्र में युवाओं ने अपने विचार व्यक्त किए। इस शिविर में जाति-पाति के सम्बन्ध में लोगों की मानसिकता में बदलाव कैसे लाया जाए, इस पर भी गहन चिंतन हुआ।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में संसाधनों की कोई कमी नहीं है, लेकिन सरकार जनता पर भार डाले बिना गैर कर राजस्व जुटाने के लिए प्रयास करेगी। सरकार द्वारा पं० दीनदयाल उपाध्याय के अन्त्योदय को हासिल करने के लिए अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति के सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में क्रांतिकारी बदलाव लाए गए हैं, जिसके दृष्टिगत अधिकारियों को निर्भय होकर स्वतंत्र रूप से कार्य करने की छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की कार्य प्रणाली व शैली में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरैंस की नीति के परिणामस्वरूप लोगों का प्रशासन में विश्वास बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी पिछली सरकारों द्वारा करवाए गए गलत कार्यों के कारण डरे हुए थे, लेकिन हमारी सरकार ने अधिकारियों को विश्वास दिलाया है कि वे 5 सी से न डरें और बिना किसी भय के जनहित में कार्य करें।
अगले दो वर्षों के विकास रोडमैप के सम्बन्ध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की हमने एक नई दिशा निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि हम अगले दो वर्षों के दौरान प्रदेश में विकास कार्यांे में और अधिक गति लाने के लिए संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुणी करने तथा हर व्यक्ति को आवास सुविधा उपलब्ध करवाना उनकी सरकार का लक्ष्य है।
प्रदेश में लोगों को 51 वर्षों तक शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल आदि जैसी मूलभूत सुविधाएं न मिलने के सम्बन्ध में पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इस कार्यकाल को 48+3 वर्षों के रूप में देखना होगा। उन्होंने कहा कि वे पहली बार विधायक बने और पहली बार ही मुख्यमंत्री बन गए। किसी भी नई सरकार को राज्य की कार्य प्रणाली समझने और उसे ठीक करने में एक वर्ष लग जाता है, फिर भी हमने अपने इस अल्पकाल में इतने अधिक विकास कार्य करवाए हैं कि पिछली सरकार ने अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में भी नहीं करवाए हैं।
स्वैच्छा से ग्रांट देने की शक्तियों के सम्बन्ध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में विधायकों को दी जाने वाली ग्रांट में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। विधायकों को अपने कोटे से अनुदान देने के कई उद्ïदेश्य होते हैं, जिसके अन्तर्गत किसी समुदाय की धर्मशाला, चौपालों का निर्माण करवाना व खेल के मैदान बनवाना और जरूरतमंद व्यक्ति की आर्थिक सहायता प्रदान करना शामिल है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में कैबिनेट स्तर के मंत्री के पास 7 करोड़ रुपये ग्रांट देने की शक्तियां हैं, जबकि राज्य मंत्री के पास 5.5 करोड़ रुपये की ग्रांट की शक्तियां हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ आकस्मिक कार्य होते हैं, जिसके लिए विधायकों को मुख्यमंत्री ग्रांट से ही अनुदान दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री की ग्रांट नहीं बढ़ाई है, जो पहले निर्धारित थी, वही चली आ रही है।