पंचकूला : हरियाणा सरकार का पहला चिंतन शिविर न केवल एक अभूतपूर्व आयोजन था वरन इसके उत्साहबर्धक परिणाम भी अत्यंत उत्साहजनक रहे हैं और इससे नव हरियाणा निर्माण के मार्ग पर चलने के लिए एक नई ऊर्जा उत्पन्न हुई है। शिविर के समापन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बताया कि अब राज्य के अंतिम व्यक्ति तक विकास की धारा पहुंचाने और उसके जीवन में खुशियां भरने के लिए हरियाणा के सभी वरिष्ठ अधिकारी एक टीम के रूप में काम करेंगें।
यह जानकारी मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने तीन दिवसीय चिंतन शिविर से लौटते समय पिंजौर गार्डन में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोगों, अधिकारियों, प्रैस से जुडे महानुभवों, अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वाले युवाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई। इसके अलावा, आम आदमी और जन संस्कृति को भी इस शिविर से जोडकर रखा गया, जिसके तहत मुख्यमंत्री ने आगामी जून में संत कबीर दास जयंती को राज्य के प्रत्येक जिले में मनाने की घोषणा भी की।
उन्होंने इस चिंतन शिविर में प्रथम सत्र में हमने जो फिल्म देखी उसमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सभी सिविल सेवा अधिकारियों को एक मूलमंत्र दिया था कि आप मेरे कुछ भी कहे को न मानना, अपने से सीनियर की न मानना, सिर्फ एक बात याद रखना कि जिस दिन आपका सिविल सेवा परिक्षा का परिणाम आया था और आपको पहली बार यह पता चला था कि आपका चयन आईएएस व आईपीएस के लिए हो गया है, बस उस क्षण के एहसास को न भूलना। सिस्टम को बदलने का जो संकल्प उस क्षण आप में था उसे जीवित रखें। उन्होंने एक बात और कही थी कि अगर आप उसे भूल गए हैं तो निश्चित है कि आप सेवाकाल में पटरी से उतर गए हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि वे मनन करें कि कहीं आप पटरी से तो नहीं उतर गए हैं। अगर हुए हैं तो कितना उतरे हैं और यदि कोई एकाध ज्यादा भी पटरी से उतर गया है तो उसे चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है, गलती हो गई, परंतु इस चिंतन शिविर के गीत को याद करें, उसे गाएं, आप में वो शक्ति है कि आप सिस्टम को बदलने के ओर जन सेवा करने के उस पहले क्षण के भाव को पुन: जागृत कर लेंगे ऐसा मुझे विश्वास है।
उन्होंने कहा कि आप लोगों ने बीस तीस साल से हरियाणा का सिस्टम देखा है और पिछले तीन साल से भी देख रहे हैं। आप प्रबुद्ध व्यक्ति हैं, जरा सोचे, पिछले महीने गुरूग्राम में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने मल्टीनेशनल कंपनी आईकिया को 9 एकड का एक प्लाट 850 करोड रूपए में बेचा। आप विश्वास करेंगे कि उसके ग्लोबल सीईओ या इंडिया के हैड या चीफ एकाऊंट आफिसर तो क्या बल्कि एक क्लर्क तक भी मुझसे मिलकर नहीं गया। वहीं उन्होंने कहा कि आज कोई भी व्यक्ति हरियाणा में किसी अध्यापक की ट्रांसफर नहीं करवा सकता। उन्होंने पूछा कि-क्या यह तथ्य नहीं है! हरियाणा का हर पंच, सरपंच, ब्लॉक समिति का हर सदस्य आठवीं या दसवीं पास हैं- क्या यह व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन नहीं हैं। इसलिए जिन भी कारणों से आप थोडा या बहुत उस पहले क्षण से डिरेल हो गए हों, उसका गम न करें। उस क्षण के भाव, संकल्प, शक्ति, उत्साह और ऊर्जा को वापिस अपने जीवन और कार्यशैली में वापिस लाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस चिंतन शिविर में बहुत अच्छी टीम की भावना बनी हैं और राज्य के सरोकारों के प्रति हम सरकारी लोगों में ओनरशिप का भाव सुदृढ करने की आवश्यकता को हम सबने माना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को किसी भी विभाग से एक ब्लॉक चुनने को कहा। आप चाहे किसी भी विभाग में आज हैं या कल हो जाएं वो ब्लॉक चयनित ब्लॉक रहेगा। अपने चयन के क्षण वाला जोश और पिछले बीस-तीस साल के अनुभव को जोडकर उस ब्लॉक के भविष्य के निर्माता हो जाओ और इस चिंतन शिविर से उभरे विजन से पंाच-दस पैरामीटर छांटकर उस ब्लॉक की नई योजना तैयार करें, इसके लिए घोषणा की जाएगी और अतिरिक्त बजट उपलब्ध करवाया जाएगा। उन पर उस ब्लॉक को एक निर्धारित स्तर पर लाने के काम में जुट जाएं। उस ब्लॉक में किसी भी विशेष प्रोजैक्ट या स्कीम लिए आवश्यक फंड उपलब्ध करवाया जाएगा। जो ब्लॉक जब उस पूर्व निर्धारित स्तर से ऊपर उठ जाएगा तो आगामी सिविल सर्विस डे यानि 21 अप्रैल 2018 को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हैं कि केवल प्रथम, द्धितीय या तृतीय आने वाले को ही नहीं बल्कि अगर सभी हर पैरामीटर पर उस सीमा के ऊपर आ जाते हैं तो सभी अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने मंत्रियों और विधायकों को भी नसीहत दी कि भारत के प्रजातंत्र में राजनैतिक हस्तक्षेप का स्थान नहीं है, परंतु राजनीतिक मंशा ठीक हैं।
मुख्यमंत्री ने चिंतन शिविर के समापन अवसर पर स्वस्थ हरियाणा, शिक्षित हरियाणा एवं समृद्ध हरियाणा बनाने के लिए सभी के योगदान के लिए आह्वान किया।
एक प्रश्र के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि चिंतन शिविर में हरियाणा केबिनेट के सभी मंत्री, विधायक, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा व अन्य विभागाध्यक्षों ने भाग लिया।