Puducherry Budget 2024-25: पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन. रंगासामी ने शुक्रवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 12,700 करोड़ रुपये का कर-मुक्त बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि पुडुचेरी का बजट आकार 12,700 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे रंगासामी ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश की अपनी प्राप्तियां 6,914.66 करोड़ रुपये अनुमानित की गई हैं, जबकि राज्य आपदा राहत कोष सहित केंद्रीय सहायता 3,268.98 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सड़क निधि 20 करोड़ रुपये, जबकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत आवंटन 430 करोड़ रुपये अनुमानित किया गया है। अपने 80 मिनट के संबोधन में रंगासामी ने कहा कि वह पंद्रहवीं विधानसभा में अपना चौथा बजट पेश करते हुए बेहद खुश हैं।
Puducherry Budget 2024-25: 10 मुख्य बातें
1. पंद्रहवीं विधानसभा में अपना चौथा बजट पेश किया
2. 10,969.80 करोड़ रुपये राजस्व व्यय
3. 1,730.20 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय
4. वेतन के लिए 2,574 करोड़ आवंटित
5. पेंशन के भुगतान के लिए 1,388 करोड़
6. ऋण तथा ब्याज पुनर्भुगतान पर 1,817 करोड़
7. बिजली की खरीद के लिए 2,509 करोड़
8. महिला मुखियाओं को वित्तीय सहायता, एलपीजी सिलेंडर के लिए 1,900 करोड़
9. केंद्रीय सहायता 3,268.98 करोड़ रुपये होने का अनुमान
10. केंद्रीय सड़क निधि 20 करोड़ रुपये।
रंगासामी ने बताया कि केंद्र सरकार ने ” हमारे राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए 2,066.36 करोड़ रुपये की शुद्ध उधारी सीमा को अपनी मंजूरी दे दी है।” वित्त मंत्री ने कहा कि 12,700 करोड़ रुपये के बजट अनुमान में से 10,969.80 करोड़ रुपये राजस्व व्यय के लिए और 1,730.20 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए आवंटित किए गए हैं।
रंगासामी ने कहा कि वित्तीय संसाधनों का एक बड़ा हिस्सा वेतन, पेंशन, ऋणों की अदायगी और ब्याज भुगतान जैसे प्रतिबद्ध व्ययों को पूरा करने में जाता है। वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए 12,700 करोड़ रुपये के बजट अनुमान में से वेतन के लिए 2,574 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
सरकार ने पेंशन के भुगतान के लिए 1,388 करोड़ रुपये, ऋण तथा ब्याज के पुनर्भुगतान के लिए 1,817 करोड़ रुपये और बिजली की खरीद के लिए 2,509 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। सरकार के अन्य प्रमुख व्यय में वृद्धावस्था पेंशन और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत भुगतान, परिवार की महिला मुखियाओं को वित्तीय सहायता, एलपीजी सिलेंडर के लिए 1,900 करोड़ रुपये की सब्सिडी आदि शामिल हैं।