नई दिल्ली: हाल ही में आई एक रिपोर्ट ने अमेरिका के बाइडेन प्रशासन की नींद उड़ा दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस को समर्थन के बदले चीन को अमेरिकी हथियारों से जुड़ी जानकारियां मिल रही हैं।
अमेरिका को चिंता है कि यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल किए जा रहे अमेरिकी और यूरोपीय हथियारों के बारे में रूस ने जो जानकारी इकट्ठा की है, वह चीन को दे सकता है। एक द्विदलीय अमेरिकी कांग्रेस समिति चाहती है कि जो बिडेन प्रशासन इस मुद्दे का आकलन करे।
संयुक्त राज्य अमेरिका और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा पर सदन की चयन समिति के अध्यक्ष जॉन मूलेनार और रैंकिंग सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जेक सुलिवन को एक पत्र भेजा है। इसमें रूस के पास मौजूद जानकारी का आकलन करने का अनुरोध किया गया है।
दरअसल अमेरिका ने यूक्रेन को बड़े पैमाने पर सैन्य सहायता दी है। इसमें गोला बारूद, पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लेकर तोपखाना और टैंक तक शामिल हैं। अमेरिका की सबसे बड़ी चिंता पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम को लेकर है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन को लिखे पत्र में कहा गया है कि हमें यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि चीन जैसे देश मुफ़्त में रूस का समर्थन कर रहे हैं। हमें यह अनुमान लगाना चाहिए और वास्तव में इस धारणा के तहत काम करना चाहिए कि रूस अमेरिकी हथियारों के बारे में चीन को जानकारी दे रहा है। पत्र में अमेरिकी और संबद्ध हथियार प्रणालियों की कमजोरियों का पता चीन को लगने को लेकर चिंता जताई गई है। समिति का मानना है कि रूस ने अमेरिकी हथियारों में कमजोरियां पाई हैं और इस तरह वह उनके प्रभाव को कमजोर करने में सक्षम हो गया है।
पत्र में कहा गया है कि चूंकि संयुक्त राज्य अमेरिका और हमारे नाटो सहयोगी रूस के आक्रामक युद्ध के खिलाफ यूक्रेन के साथ खड़े हैं। हाल की रिपोर्टों में कहा गया है कि रूस ने कई अमेरिकी हथियार प्रणालियों की प्रभावशीलता को कम कर दिया है। कुछ प्रणालियाँ पुरानी और कम आधुनिक हैं। लेकिन कथित तौर पर नए हथियार भी रूसी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और संबंधित जवाबी उपायों के कारण विफल हो गए हैं।
अमेरिका को चिंता है कि अगर उसके हथियारों की कमजोरी से संबंधित सूचना रूस अपने मित्र चीन से साझा करता है तो भविष्य में यह अमेरिका के लिए भारी पड़ सकता है।