चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश आगामी 31 मई को कैरोसिन फ्री हो जाएगा और इसी तर्ज पर अब राज्य को पॉलीथिन फ्री भी बनाना होगा। उन्होंने राज्य को पॉलीथिन फ्री बनाने के संबंध में प्रदेश के उद्योग विभाग को पॉलीथिन के विकल्प ढूंढने के लिए निर्देश भी दिए हैं ताकि राज्य को स्वच्छ व सुंदर और पॉलीथिन फ्री बनाया जा सकें।
मुख्यमंत्री आज पंचकूला में प्रकृति से लोगों का जुड़ाव (कनैक्टिंग पीपल टू द नेचर) विषय पर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पूरे प्रदेश से आए हुए लगभग 125 महाग्रामों के सरपंचों, पंचायत राज संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों के सदस्यों तथा प्रधान, बीडीपीओ, डीडीपीओ, नगर निकायों के मेयर इत्यादि को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यशाला आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस को स्वच्छता दिवस के रूप में मनाने के लिए आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओ पी धनखड़, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्रीमती कविता जैन, सहकारिता राज्य मंत्री श्री मनीष ग्रोवर और मुख्य संसदीय सचिव श्री बख्शीश सिंह विर्क भी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश को प्रदूषण मुक्त भी बनाना होगा और इसके लिए हमे अपने व्यवहार में बदलाव लाना होगा। उन्होंने उपस्थित लोगों से रूबरू होते हुए कहा कि हमें खेतों में पराली जलाने की बजाए उसके उपयोग पर ध्यान देना होगा। यदि हम खेतों में आग लगाते हैं, तो इससे प्रदूषण तो पैदा होता ही है साथ ही, खेतों की उवर्रक क्षमता पर भी असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने बर्ताव में भी बदलाव लाकर देश व प्रदेश को स्वच्छ बनाना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश भर में अच्छे शहरों की रैंकिंग की जाती है और इस बार भी 434 शहरों की रैंकिंग की गई है जिसमें करनाल 63 वें नंबर पर आया है, जो उत्तर भारत में प्रथम स्थान पर है, जबकि फरीदाबाद फास्ट ग्रोईंग क्षेत्र में 86 वें स्थान पर है। परन्तु पलवल इस सूची में 386वें स्थान पर है जो काफी पिछे हैं इसलिए हमें यह चुनौती स्वीकार करनी चाहिए कि पलवल को किस प्रकार से आगे बढ़ाना है और इसी प्रकार करनाल को किस प्रकार से प्रथम स्थान पर लाना है, ऐसी सोच रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की रैंकिंग अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी की जाती है।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्र में व अपने-अपने नगर या शहर में स्वच्छता ऐप बनाकर जो लोग सोशल मीडिया से जुड़े हुए है उनका पंजीकरण करें, ताकि उन्हें अपने-अपने शहर व गांवों को साफ व स्वच्छ बनाने में आगे आने के लिए एक मंच मिल सके। उन्होंने कहा कि इससे एक नियमित डाटा भी प्राप्त होता है। इसी प्रकार, राज्य के प्रत्येक विभाग को भी आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस को स्वच्छता दिवस के रूप में मनाने के लिए आगे आना होगा और जनता का इसमें अधिक से अधिक जुड़ाव होना आवश्यक है क्योंकि जन समुदाय से ही यह कार्य संभव है। उन्होंने कहा कि हमें इस अभियान के अंतर्गत सभी लोगों को जुडऩे का आह्वान करना होगा।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आह्वान किया है कि स्वच्छ भारत अभियान को एक मिशन के रूप में लें, ताकि शहरों और गांवों में सफाई सुनिश्चित हो सकें। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया और इसीलिए कुछ लोंगों ने भारत देश को डर्टी इंडिया की संज्ञा भी दी, क्योंकि कुछ कमियां थी। लेकिन अब जनता को जागृत करना आवश्यक है। सरकारी मशीनरी से तो निर्माण तथा विकास के कार्य किए जा सकते हैं लेकिन जहां लोगों की आदतों से जुड़े हुए कार्यों की बात है तो ऐसी समाजिक बुराईयों को समाज की भागीदारी के बिना नहीं किया जा सकता।