निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं फेडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने प्राइवेट स्कूलों की 20 सूत्रीय मांगों को हल करने के लिए एक मांग पत्र मुख्यमंत्री हरियाणा भेज मांग की है कि प्राईवेट स्कूल पिछले 10 सालों से भाजपा सरकार द्वारा घोषणा पत्र में प्राइवेट स्कूलों के बारे में किए गए वादे को पूरा करने की आस कर रहे है और 10 वर्षो से तकलीफ के दौर से गुजर रहे है।
उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग की है कि प्राइवेट स्कूलों का कानून अनुसार खरबों रुपया 134-A का लंबित पड़ा हुआ है। इस बार कुछ आंशिक पैसा संसदीय चुनाव से पहले भेजा गया था, लेकिन वह भी प्राइवेट स्कूलों को अदा नहीं किया गया, जिससे प्राइवेट स्कूलों की वित्तीय स्थिति गड़बड़ाई हुई है। उन्होंने तुरंत 30 दिन के अंदर सभी लंबित राशि को प्राइवेट स्कूल का भुगतान करने की मांग की है।
कुलभूषण शर्मा ने कहा कि प्राइवेट स्कूल 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को 134-ए के तहत पढ़ा रहे है। जब सरकार ने चिराग योजना में 9वीं से 12वीं के 1100 रूपए तय किए है, तो 134-A के तहत पढ़ने वाले बच्चों को भी कम से कम 1100 रूपए प्रति माह के अनुसार भुगतान किया जाए।
कुलभूषण शर्मा ने अन्य 19 मांगों, जैसे 10 साल से मान्यता प्राप्त स्कूलों को सरल एफिडेविट देकर रिव्यू करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार राजस्थान की तर्ज पर स्कूली बसों पर लगे हुए 20 रूपए प्रति सीट पैसेंजर टैक्स को तुरंत माफ़ करे व कोरोना के दौरान 2 साल से खड़ी रही बसो की लाइफ 2 साल बढ़ाए, मान्यता प्राप्त स्कूलों को नर्सरी और एल के जी की मान्यता लेने के लिए बाध्य ना किया जाए, नियमों का सरलीकरण कर हरियाणा के सभी परमिशन प्राप्त स्कूल, अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल और प्लेवे स्कूलों को मान्यता प्रदान की जाए और अन्य जो सभी मांगों का 30 दिन के अंदर आदेश जारी कर राहत प्रदान की जाए।
उन्होंने कहा अगर सरकार 30 दिनों के अंदर प्राइवेट स्कूलों की मांगे पूरी नहीं करती है, तो 11 अगस्त को प्राइवेट स्कूल अम्बाला में महा पंचायत का आह्वाहन करेगी और बड़ा फैसला लेगी, जिसकी जिम्मेवारी पूर्णतया सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि उन्हें शिक्षा मंत्री और मुख्य मंत्री से पूर्ण उम्मीद है कि वह उनकी मांगों पर तुरंत फैसला कर प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों को, जो 10 साल से तक्लीफों से ग्रस्त है, राहत प्रदान करेंगे।