Maharashtra Legislative Council Elections: महाराष्ट्र में विधान परिषद का चुनाव 12 जुलाई होना है। 11 सीटों के लिए 12 उम्मीदवारों के बीच इस चुनाव में टक्कर होगी। चुनाव से पहले महाराष्ट्र में “होटल अरेस्ट” गेम शुरू हो चुका है।
एमलसी के लिए हो रहे चुनाव से पहले महायुति और महाअघाड़ी दोनों को ही क्रास वोटिंग का भयंकर खौफ सता रहा हैं। इसलिए दोनों ने अपने विधायकों को होटलों में शिफ्ट कर दिया है।
चुनावों से पहले पार्टियों के विधायकों की खरीद-फरोख्त करने के लिए विपक्षी पार्टियां संपर्क ना कर सके इसके लिए उन्हें होटल में पार्टियों ने नजर बंद कर लिया है।
महायुति ने की बैठक और लिया फैसला
महायुति में शामिल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और भाजपा विधायकों ने पार्टी मुख्यालय में पार्टी प्रभारी भूपेंद्र यादव ने अपने विधायकों के साथ बैठक की। जिसके बाद उन्हें होटलों में शिफ्ट कर दिया गया है।
मुंबई के इन आलीशान होटलों में ठहराए गए हैं विधायक
सूत्रों के अनुसार इस बैठक के बाद अजित पवार वाली एनसीपी के विधायक होटल ललित में ठहराए गए हैं। वहीं एकनाथ शिंदे के विधायकों को बांद्रा में ताज लैंड्स एंड में और भाजपा ने अपने सभी विधायकों को एक साथ ताज प्रेसीडेंसी में रखा है।
वहीं महाअघाड़ी में शामिल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना यूबीटी के विधायक होटल आईटीसी ग्रैंड मराठा में रखे गए हैं। शरद पवार की एनसीपी के विधायकों को होटल ललित में रुकवाया है।
कहीं इस चुनाव में भी ना हो जाए धोखा
बता दें दो साल पहले हुए विधान परिषद चुनाव में अप्रत्याशित नतीजे सामने आए थे। उद्धव ठाकरे की अविभाजित शिवसेना में शामिल एकनाथ शिंदे समेत कई विधायकों ने क्रास वोटिंग कर दी थी और कांग्रेस के चंद्रकांत हंडोरे अपनी सीट हार गए थे। इसी के कुछ समय बाद तत्कालीन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह के कारण धराशायी हो गई थी।
उद्धव ठाकरे के साथ जो दो साल पहले हुआ वो ही कहीं भाजपा या महायुति वाली शिवसेना और एनसीपी के साथ ना हो इसका अंदेशा जताया जा रहा है।
क्यों सता रहा डर?
बता दें 27 जुलाई को रिटायर होने वाले 11 एमएलसी में से चार भाजपा के हैं, दो कांग्रेस के हैं जबकि एनसीपी, एसएस, एसएस-यूबीटी, किसान और श्रमिक पार्टी और राष्ट्रीय समाज पार्टी के एक-एक एमएलसी हैं। कुछ सदस्यों के लोकसभा में निर्वाचित होने या मृत्यु और निलंबन के कारण विधानसभा की संख्या 288 से घटकर 274 रह गई है, इसलिए सत्तारूढ़ गठबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके विधायक एकजुट रहें।
क्या है समीकरण
विधानपरिषद के चुनाव में महायुति में शामिल भाजपा के 5, शिवसेना के 2 और एनसीपी एपी के 2 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। महाविकास अघाड़ी के कुल तीन जिसमें शिवसेना यूबीटी के 1, कांग्रेस के 1 और शेकाप के 1 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। शरद पवार की एनसीपी ने भारतीय शेतकारी कामगार पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन करने का ऐलान किया है। इस चुनाव में गुप्त मतदान होगा।
जीतने के लिए कितने विधायकों का चाहिए समर्थन
महाराष्ट्र विधानसभा में 274 विधायक हैं। 11 सीटों पर हो रहे विधानपरिषद चुनाव में एक सीट जीतने के लिए 23 वोटों की जरूरत है संख्याबल की बात की जाए तो महायुति के पास 181 विधायक हैं वहीं महा आघाड़ी के पास 64 और अन्य निर्दलीय दलों के 29 विधायक हैं। अगर किसी भी पार्टी के विधायक एकजुट होकर क्रास वोटिंग करते हैं तो पूरा खेल बिगड़ सकता है।