CG malnutrition: भारी-भरकम बजट के बाद भी कागजों पर चल रहीं कुपोषण खत्म करने की योजनाएं, 11000 बच्चे अभी भी ‘कुपोषित’केंद्र व राज्य सरकार द्वारा हर साल कुपोषण से बच्चों को मुक्त करने दिया जाता है भारी भरकम बजट, हर साल बढ़ता जा रहा है कुपोषित बच्चों का आंकड़ा
CG malnutrition: भारी-भरकम बजट के बाद भी कागजों पर चल रहीं कुपोषण (CG malnutrition) खत्म करने की योजनाएं, 11000 बच्चे अभी भी ‘कुपोषित’कुपोषण को लेकर राज्य व केन्द्र सरकार हर वर्ष भारी भरकम बटज खर्च कर रही है। कुपोषण खत्म करने के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रहीं हंै। महिला बाल विकास विभाग कुपोषण मुक्ति हेतु प्रयासरत है। इसके बावजूद कुपोषण को लेकर जिले की स्थिति काफी भयावह है। जिस तरह से सरगुजा में कुपोषित बच्चों की संख्या महिला बाल विकास विभाग में दर्ज है। इससे पता चलता है कि ये सारे सरकारी कार्यक्रम कागजों पर ही चल रहे हैं। जिले में 11 हजार 175 बच्चे अभी भी कुपोषित की श्रेणी में हैं।
वहीं पिछले वर्ष कुपोषित बच्चों (Malnourished children) का आंकड़ा 10 हजार 953 था। इधर महिला बाल विकास विभाग का दावा किया जा रहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कुपोषित बच्चों की संख्या में 0.5 प्रतिशत की कमी आई है। ऐसा इसलिए कि पिछले वर्ष 79 हजार 156 बच्चों का वजन कराया गया था। इसमें 10 हजार 953 बच्चे कुपोषित पाए गए थे।
महिला बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से कुपोषित बच्चों का सर्वे कराया जाता है। वर्ष 2024 में जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों द्वारा 74 हजार 774 बच्चों का वजन कराया गया था। इसमें 11 हजार 175 बच्चे कुपोषित पाए गए हैं, जो कि 14.6 प्रतिशत है। वहीं वर्ष 2023 के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले वर्ष 79 हजार 156 बच्चों का वजन कराया गया था।
इसमें 10 हजार 953 बच्चे कुपोषित पाए गए थे, जो कि 14.1 प्रतिशत था। पिछले वर्ष वजन कराए गए बच्चों की संख्या ज्यादा व इस वर्ष वजन कराए गए बच्चों की संख्या कम होने के कारण कुपोषित प्रतिशत में 0.5 प्रतिशत की कमी आई है। महिला बाल विकास विभाग द्वारा दर्ज आंकड़ों के अनुसार सरगुजा जिले में कुपोषितों की संख्या में कोई विशेष कमी नहीं आ रही है।
जबकि कुपोषण मुक्ति के लिए राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रहीं हंै। इसके लिए सरकार हर वर्ष भारी भरकम बजट खर्च कर रही है। इसके बावजूद भी कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी नहीं आ रही है।