नई दिल्ली: दिल्ली शराब कांड में अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं. अरविंद केजरीवाल को लेकर सीबीआई ने भरी अदालत में बड़ा दावा किया है. सीबीआई ने अदालत को बताया है कि दिल्ली शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल ने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डाल दिया है.
सीबीआई ने कहा कि अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की जरूरत है. सीबीआई ने दावा कि अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उन्हें आबकारी नीति की कोई जानकारी नहीं थी. जांच एजेंसी ने बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट से पांच दिनों की अरविंद केजरीवाल की कस्टडी की मांग की है.
दरअसल, राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई ने आज बुधवार को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद भी सुनवाई जारी रही. इस दौरान अपने एक्शन के पक्ष में सीबीआई ने कई दलीलें दीं. सीबीआई ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की जमानत पर हाईकोर्ट से रोक लगने के बाद ही हमने गिरफ्तारी की है. अदालत ने सीबीआई को गिरफ्तारी का आधार बताने के लिए कहा था. इसके जवाब में सीबीआई ने लंबी दलीलें दीं.
सीबीआई ने कहा, ‘हमें केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ की जरूरत है… वह यह भी नहीं बता रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे. उनका कहना है कि वह आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे. उन्होंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डाल दिया और कहा कि उन्हें आबकारी नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं है. केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के चलते जमानत मिली थी. उस वक्त हमने केजरीवाल से पूछताछ नहीं की. 16 मार्च 2021 को एक शराब कारोबारी से संपर्क किया गया कि केजरीवाल शराब नीति को लेकर मिलना चाहते हैं.’
सीबीआई के वकील ने कहा कि मैं इस अदालत में पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड जरूरी है. सीबीआई ने दिल्ली शराब कांड की क्रोनोलॉजी समझाते हुए कहा कि 25 मई 2021 को पॉलिसी आई. 16 मार्च 2021 को शराब कारोबारी से मुलाकात की कोशिश की गई. मांगूंटा रेड्डी का बयान मौजूद है. कविता और रेड्डी 20 मार्च 2021 को फिर मिले. 19 मार्च को को कविता ने रेड्डी को मिलने के लिए कॉल किया था. विजय नायर को कोऑर्डिनेट करने का जिम्मा सौंपा गया. 19 मार्च को वो हैदराबाद में था. लॉकडाउन की वजह से एक प्राइवेट फ्लाइट से अभिषेक और बुचीबाबू दिल्ली पहुंचे. अभिषेक बोइनपल्ली ने विजय नायर के माध्यम से मनीष सिसोदिया को एक रिपोर्ट भेजी… सिसोदिया के सचिव सी अरविंद ने रिपोर्ट टाइप की और इसे उनके कैंप कार्यालय (सीएम) में दिया गया.
सीबीआई ने कहा, ‘सारा पैसा नकद दिया गया है. हम 44 करोड़ रुपये के बारे में पता लगा पाए हैं. यह भी पता लगा पाए हैं कि यह पैसा गोवा कैसे पहुंचा और इसका इस्तेमाल कैसे किया गया. चनप्रीत सिंह ने चुनाव के लिए गोवा के प्रत्याशियों के लिए और यहां तक कि सीएम के वहां रहने के लिए भी पैसे दे रहा है. पॉलिसी के लिए सार्वजनिक सुझाव मांगा गया और उन सुझावों से छेड़छाड़ की गई, वह मनगढ़ंत थे. हमारे पास इसके लिए पर्याप्त सबूत हैं कि यह आप सदस्य थे, जो टिप्पणियां कर रहे थे. जब ऐसा हो रहा था तो कुछ अधिकारी ऐसे थे, जो हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं थे. जिस अधिकारी ने कहा था कि मैं हस्ताक्षर नहीं करूंगा, उसे बदल दिया गया.’