असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कछार प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिले में शांति बनी रहे और पड़ोसी राज्य मणिपुर से हिंसा न फैले। जून के पहले सप्ताह में मणिपुर के जिरिबाम में जातीय हिंसा की घटनाएं हुईं, जिसके बाद राज्य के कई लोगों ने दक्षिण असम के पास के कछार जिले में शरण ली है।
मुख्यमंत्री का निर्देश- शांति और सौहार्द बनाए रखें
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक्स पर पोस्ट किया, “मुख्यमंत्री सरमा ने मणिपुर के जिरिबाम में हाल की घटनाओं को देखते हुए कछार के जिला आयुक्त और पुलिस अधीक्षक के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की और उन्हें जिले में शांति और सौहार्द बनाए रखने के निर्देश दिए।” सरमा ने जिला आयुक्त और पुलिस अधीक्षक को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि असम में शरण लेने वाले मणिपुर के लोगों को सभी मानवीय सहायता प्रदान की जाए।
राज्य की सीमा से सटे इलाकों की हो रही निगरानी
सीएमओ ने कहा कि बैठक में राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मणिपुर की सीमा से सटे इलाकों में कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि असम में हिंसा न फैले।
मणिपुर में जातीय हिंसा में 200 से ज्यादा लोगों की मौत
पिछले साल मई से मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा से जिरिबाम अब तक अप्रभावित रहा है। इस जिले में मैतई, मुस्लिम, नागा, कुकी और गैर मणिपुरी लोग रहते हैं। इंफाल घाटी में रहने वाले मैतई और पहाड़ी जिलों में रहने वाले कुकी के बीच जातीय संघर्ष के चलते 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग बेघर हो गए।