9 जून, रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 71 मंत्रियों के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली. 71 में से 30 मंत्रियों को कैबिनेट का दर्जा दिया गया है. 10 जून को सभी मंत्रियों के बीच मंत्रालयों का बंटवारा हो गया और आज सभी ने अपने-अपने कार्यभार संभाल लिए.
नए मंत्रियों की पृष्ठभूमि के बारे में नई-नई जानकारी सामने आ रही है. इस बीच डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स एसोसिएशन- एडीआर की रिपोर्ट ने सभी का ध्यान खींचा है. रिपोर्ट बताती है कि मोदी सरकार 3.0 में 71 में से 28 मंत्री ऐसे हैं जिनके दामन पर दाग लगे हुए हैं. यानी इन मंत्रियों के खिलाफ किसी ना किसी मामले को लेकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज है. 29 में से 19 मंत्रियों के खिलाफ तो गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
चुनाव अधिकार संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स -एडीआर) का दावा है कि नरेंद्र मोदी सरकार के 28 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जिनमें से 19 पर हत्या के प्रयास, महिलाओं के खिलाफ अपराध और नफरत फैलाने वाले भाषण जैसे गंभीर आरोप हैं.
सबसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे मंत्रियों में से दो ने अपने शपथ पत्र में भारतीय दंड संहिता-आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास से संबंधित मामले दर्ज होने की घोषणा की है. एडीआर ने कहा कि इनमें बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर तथा उत्तर पूर्वी क्षेत्र के शिक्षा और विकास राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार शामिल हैं.
एडीआर उन 5 मंत्रियों का भी खुलासा अपनी रिपोर्ट में किया है जिनपर महिला अपराध से संबंधित मामले दर्ज हैं. इनमें गृह राज्य मंत्री (MoS) बंदी संजय कुमार, शांतनु ठाकुर, सुकांत मजूमदार, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी तथा जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम शामिल हैं.
इसके अतिरिक्त, एडीआर रिपोर्ट में नफरत फैलाने वाले भाषण से संबंधित मामलों वाले आठ मंत्रियों की पहचान की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 71 में से कुल 28 मंत्रियों (39 प्रतिशत) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं.