अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, उत्तराखंड की प्रभारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस (इंडिया गठबंधन) की नवनिर्वाचित सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा हरियाणा में शिक्षा का स्तर शून्य तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। आज प्रदेश में शिक्षा को एक व्यवसाय बनाकर छोड़ दिया गया है जहां पर गरीबों के बच्चों को उच्च शिक्षा से वंचित करने की साजिश की जा रहा है। नई शिक्षा नीति लागू करने का कोई औचित्य नही रहेगा जब प्रदेश के कॉलेज प्रोफेसर की कमी से जूझ रहे हो। हालात ये है कि प्रदेश के 182 कॉलेज में प्रोफेसर के 7986 पदों में से 4618 पद रिक्त पड़े हो। सबसे ज्यादा अंग्रेजी के 625 और ज्योग्राफी के 500 पद खाली है। पहले धर्म और जाति के नाम पर समाज को तोड़ने वाली भाजपा अब समाज को शिक्षा के माध्यम से तोड़ने की साजिश कर रही है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि नए शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के लिए प्रदेश के 182 कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दाखिले के लिए 25 जून तक आवेदन करना होगा, अगस्त माह में शैक्षणिक सत्र शुरू हो जाएगा, सरकार नई शिक्षा नीति लागू करने का दावा कर रही है अगर ऐसा किया गया तो पाठ्यक्रमों में जरूर बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कॉलेज प्रोफेसरों की कमी से जूझ रहे है, प्रदेश के 182 सरकारी कॉलेजों में 7986 पद स्वीकृत है पर मौजूदा समय में 3368 ही प्रोफेसर है यानि 4618 प्रोफेसर की कमी है। अगर सरकारी कॉलेजों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की औसत संख्या देखी जाए तो 8883 प्रोफेसर की जरूरत है। अंग्रेजी विषय के सबसे ज्यादा पद खाली पड़े है। जिनकी संख्या 625 है, ज्योग्राफी के 500, कॉमर्स के 314, गणित के 195, बॉटनी के 118, केमिस्ट्री के 229, कंप्यूटर साइंस के 218 पद खाली पड़े है। पर सरकार ने प्रोफेसर की भर्ती की ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया। अब जल्द ही विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हो जाएगी, चाहकर भी सरकार भर्ती नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा कि इन खाली पदों ने हरियाणा के भविष्य के रास्ते को संकरा और अंधकारमय बना दिया है। आज प्रदेश में एक सवाल आम चर्चा का विषय बन चुका है कि क्या बीजेपी की मानसिकता ये है कि शिक्षित समाज उनके प्रोपेगैंडा में नहीं फंसेगा इसलिए समाज को शिक्षा से तोड़ दिया जाए। मानसिकता कोई भी हो पर एक बात तो निश्चित है कि हरियाणा में अब भरोसे की कांग्रेस की सरकार स्थापित होगी वहीं प्रदेश की जनता को न्याय देगी। महेंद्रगढ़ ऐसा जिला है जहां के सरकारी कॉलेजों में 715 प्राध्यापकों के पद खाली है जहां पर विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए 240 अतिथि प्राध्यापकों का सहारा लिया जा रहा है। दूसरे नंबर पर हिसार है जहां पर 279 प्रोफेसर की जरूरत है। इसके साथ ही फरीदाबाद में 242, भिवानी में 214, गुरुग्राम में 228, रेवाड़ी में 217, रोहतक में 170, जींद में 169, सिरसा में 167, करनाल में 145, फतेहाबाद में 143, झज्जर में 142, पलवल में 114, सोनीपत में 109, अंबाला में 103, पंचकूला में 100, कैथल में 93, नूंह में 86, पानीपत में 85, चरखी दादरी में 83, यमुनानगर में 79, कुरुक्षेत्र में 39 प्रोफेसर के पद खाली है।
उन्होंने कहा कि एक ओर जहां प्रोफेसर की कमी से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है वहां विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है साथ ही शोध कार्य भी सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है, शोध कार्यो की गुणवत्ता कॉलेज और विवि की पहचान होती है जबकि सरकार ने शोध कार्य को नई शिक्षा नीति में स्नातक कक्षाओं से ही शामिल किया है। फिर सरकार नई शिक्षा नीति को कैसे साकार करेगी। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर सरकार शिक्षा के निजीकरण पर अधिक ध्यान दे रही है और इन संस्थानों में फीस अधिक होती है ऐसे में गरीब परिवार का बच्चा उच्च शिक्षा के बारे में सोच भी नहीं सकता, लगता है कि सरकार गरीबों के बच्चों से उच्च शिक्षा का अधिकार तक छीनना चाहती है, एमडीयू रोहतक में फीस कई कई गुना बढ़ा दी गई है फीस कम करवाने की मांग को लेकर वहां छात्र आंदोलनरत है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सरकार ने प्रदेश का बेड़ागर्क करके रख दिया है ठीक वैसे ही शिक्षा का करना चाहती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी, इसके बाद सरकार प्रदेश की जनता और युवाओं को उनका हक देकर उनके साथ न्याय करेगी।