प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता की हैट्रिक लगाने से इंडिया गठबंधन भले ही नहीं रोक पाया हो, लेकिन एनडीए गठबंधन को कांटे की टक्कर देने में जरूर सफल रहा. एनडीए भले ही 293 सीटों के साथ बहुमत का आंकड़ा जुटा लिया हो, लेकिन बीजेपी 240 सीटों पर सिमट गई. लोकसभा चुनाव में सीटें घट जाने के बावजूद बीजेपी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सीधे मुकाबलों में कांग्रेस पर उसका दबदबा कायम रहा.
कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधे मुकाबले वाली देश की 215 लोकसभा सीटों पर बीजेपी का ही पलड़ा भारी रहा.
लोकसभा चुनाव 2024 में देश में 215 सीट ऐसी थी, जहां कांग्रेस और बीजेपी का सीधा मुकाबला रहा था और 293 सीटों पर बीजेपी बनाम क्षत्रपों की लड़ाई है. 2014 और 2019 में क्षेत्रीय पार्टियों ने बीजेपी को टक्कर दी थी. 2019 के चुनाव में क्षेत्रीय पार्टी ने बीजेपी की जीत का स्ट्राइक रेट 50 फीसदी से ज्यादा आगे जाने नहीं दिया था जबकि कांग्रेस बनाम बीजेपी के मुकाबले वाली सीट बीजेपी के जीत का स्ट्राइक रेट 90 फीसदी से भी ज्यादा है. इस बार चुनाव में कांग्रेस बनाम बीजेपी के मुकाबले में बीजेपी के जीत की रफ्तार में कमी भी आई है. इसी तरह बीजेपी एक अन्य स्ट्राइक रेट यानी लड़े गए मुकाबलों के सामने जीत के मामले में भी कांग्रेस से बेहतर स्थिति में रही.
बीजेपी बनाम कांग्रेस का क्या रहा मुकाबला?
2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण करें तो इस बार 215 सीटों पर बीजेपी का कांग्रेस से सीधा मुकाबला हुआ, जिनमें बीजेपी के खाते में 153 सीटें आईं और कांग्रेस के हिस्से में 62 सीटें गई हैं. पिछली बार 2019 के चुनाव में 190 सीटों पर कांग्रेस से सीधी टक्कर वाली सीट पर बीजेपी ने 175 सीटें जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस महज 15 सीट पर सिमट गई थी. इस तरह 2014 के चुनाव में 190 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला रहा था, जिसमें से बीजेपी ने 166 और कांग्रेस ने 23 सीटें जीती थी. बीजेपी बनाम कांग्रेस के बीच सीधे मुकाबले वाली सीटों पर इस बार सियासी हालत बदल गए. विपक्षी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फायदा कांग्रेस को मिला है, जिसके चलते उसकी सीटें बढ़ी है.
कांग्रेस-बीजेपी मुकाबले वाली 215 सीटें
कांग्रेस और बीजेपी के बीच ज्यादातर सीधा मुकाबला उत्तर भारत के राज्यों में था. मध्य प्रदेश (29), कर्नाटक (28), राजस्थान (25), छत्तीसगढ़ (11), असम (14), हरियाणा (10) हिमाचल (4), गुजरात (26), उत्तराखंड (5), गोवा (2), अरुणाचल प्रदेश (2), मणिपुर (2), चंडीगढ़ (1), अंडमान-निकोबार (1), लक्षद्वीप (1), लद्दाख (1) लोकसभा सीट है. इसके अलावा तेलंगाना की 17 सीटें, जम्मू की 2, दादरा नगर हवेली की 1 सीट हैं और बाकी 16 सीटें पूर्वोत्तर और अन्य कुछ राज्यों की हैं.
मध्य प्रदेश, हिमाचल और उत्तराखंड में बीजेपी क्लीन स्वीप करने में कामयाब रही और कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल सकी. गुजरात की 26 में से बीजेपी 25 तो कांग्रेस सिर्फ एक सीट जीत सकी है. हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस 5-5 सीटें जीती है तो गोवा में भी एक-एक सीटें दोनों को मिली हैं. राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से 14 सीटें बीजेपी जीती है तो कांग्रेस 8 और उसके सहयोगी दलों ने 3 सीटें जीतने में सफल रहे. कर्नाटक की 28 सीटों में से 17 बीजेपी, 2 जेडीएस और 9 सीट कांग्रेस को मिली हैं.
छत्तीसगढ़ की 11 में से 10 पर बीजेपी की जीत
छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से 10 बीजेपी और एक कांग्रेस जीती है. तेलंगाना की 17 सीटों में से बीजेपी और कांग्रेस 8-8 सीटें और एक सीट अन्य को मिली है. असम की 14 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 9 और उसके सहयोगी ने दो सीटें जीती हैं तो कांग्रेस को तीन सीटें मिली हैं. चंडीगढ़ और लक्षद्वीप की एक-एक सीट, मणिपुर की दोनों सीटें कांग्रेस ने जीती है. दादर नगर हवेली सीट बीजेपी जीती तो दमन दीप सीट कांग्रेस के बागी नेता ने निर्दलीय रूप में जीती है और अब उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया.
कांग्रेस नहीं कर सकी क्षत्रपों जैसा कमाल
2024 के चुनाव में बीजेपी ने 441 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 240 सीटें जीतने में सफल रही. कांग्रेस 328 सीट पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें से वो 99 सीटें जीती हैं. बीजेपी का स्ट्राइक रेट 55 फीसदी रहा तो कांग्रेस का 30 फीसदी था. बीजेपी की सीटें घटी है, उसमें सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में लगा है. इन दोनों राज्यों में बीजेपी को सियासी झटका इंडिया गठबंधन के जरिए लगा है. हरियाणा और राजस्थान में कांग्रेस ने बीजेपी को झटका दिया है. इसी तरह गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, कर्नाटक, तेलंगाना, असम में कांग्रेस कोई सियासी करिश्मा नहीं दिखा सकी. ममता बनर्जी ने भी बंगाल में बीजेपी की सीटें घटने में सफल रही है, लेकिन त्रिपुरा, ओडिशा, आंध्र प्रदेश में अगर कांग्रेस कुछ सीटें जीत लेती तो फिर तीसरी बार एनडीए की सरकार न बन पाती.