चंडीगढ़ : इनेलो के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कांग्रेस व भाजपा सरकार में बैठे लोगों को आज हरियाणा के हितों से कोई सरोकार नहीं है। एसवाईएल के मुद्दे पर जहां भाजपा का चेहरा बेनकाब हुआ है वहीं पर कांग्रेस का भी दोहरा चरित्र हरियाणावासियों के सामने आ गया है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर तंज कसते हुए अभय चौटाला ने कहा कि हुड्डा एसवाईएल मुद्दे पर मेरा नाम लेकर नोटंकी करने की बात कहते हैं जबकि मैंने पहले भी भूपेंद्र हुड्डा सहित प्रदेश के सभी सांसदों व विधायकों को पत्र लिखकर राजनीति से ऊपर उठकर इस मामले में मिलकर 23 फरवरी को नहर खुदाई करने का न्यौता दिया था और आज भी मैं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को निमंत्रण देता हूं कि अगर वो हरियाणा प्रदेश के लोगों के हितैषी हैं तो अपने कांग्रेस के सभी साथियों को लेकर 23 फरवरी को अंबाला में आए और हमारे साथ नहर खुदाई में शामिल हों। उन्होंने आज कैथल में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस की नीयत तो पंजाब मैनिफैस्टो जारी करते हुए ही साफ हो गई थी जब कैथल के कांग्रेसी विधायक रणदीप सिंह सुर्जेवाला की उपस्थिति में पंजाब का पानी पंजाब के वास्ते वायदा किया गया था।
इसी बीच नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला व इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने मंगलवार को जलयुद्ध के लिए शुरू किए गए जनसंपर्क अभियान के अंतिम दौर में आज कैथल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर व अम्बाला में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकें आयोजित कर 23 फरवरी को लेकर तैयारियों का जायजा लिया और कार्यकर्ताओं से ज्यादा से ज्यादा संख्या में नहर खुदाई के लिए गुरुवार को अम्बाला शहर की नई सब्जी मंडी में एकत्रित होने का आह्वान किया। इनेलो नेताओं ने कहा कि एसवाईएल हरियाणा की जीवनरेखा है और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद अभी तक नहर की खुदाई न होना न सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है बल्कि पंजाब के नेता निरंतर संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को भी निरंतर ठेस पहुंचा रहे हैं। इनेलो नेताओं ने कहा कि हरियाणा किसी से किसी का कोई हक नहीं छीनना चाहता बल्कि अपने हिस्से का पानी मांग रहा है जिस पर सर्वोच्च न्यायालय भी हरियाणा के पक्ष में फैसला दे चुका है। इनेलो नेता ने कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह आज दूसरों को संविधान की नसीहत देते हैं जबकि सबसे पहले पंजाब विधानसभा में नदी जल समझौते रद्द करने वाला असंवैधानिक बिल पारित करके कांग्रेसी नेता ने ही संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम किया था।
इनेलो नेता ने कहा कि हम निश्चित तौर पर लाखों कार्यकत्र्ताओं के साथ नहर की खुदाई करने जाएंगे और यदि वहां पर कोई विषम परिस्थिति पैदा होती है तो कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी और पंजाब के राजनीतिक दलों के लोग इस बात के लिए बड़े जिम्मेवार होंगे। उन्होंने एक ओर जल समझौते की बात याद करवाते हुए कहा कि कावेरी जल समझौता इस देश में हुआ था, तमिलनाडू और कर्नाटक का आपसी समझौता था उसमें भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था उसके बावजूद तमिलनाडू की सरकार ने पानी में रूकावट बनने की कोशिश की लेकिन किसान के लिए ही नहीं बल्कि पानी हर इंसान के लिए जरूरी है। इस पानी की लड़ाई के लिए वहां तो 240 लोगों ने बलिदान दिया था लेकिन हरियाणा में उससे कहीं ज्यादा लोग भी बलिदान देने को आज तैयार बैठे है। अगर किसी ने रोकने, जबदस्ती करने की कोशिश की तो उसका खमियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।