चंडीगढ़ : इनेलो के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला और प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने केंद्रीय बजट को पूरी तरह दिशाहीन व निराशाजनक बताते हुए कहा कि बजट ने समाज के सभी वर्गों को बेहद निराश किया है और किसी भी वर्ग को केंद्रीय वित्त मंत्री कोई राहत नहीं दे पाए।
इनेलो नेताओं ने कहा कि किसान, मजदूर व छोटे दुकानदारों को बजट से भारी उम्मीदें थी और यह भी माना जा रहा था कि नोटबंदी के बाद सरकारी खजाने व बैंकों में आई भारी धनराशि से केंद्र सरकार किसानों व गरीबों का कर्जा माफ कर उन्हें राहत प्रदान करेगी लेकिन इस मामले में लोगों के हाथ पूरी तरह निराशा ही लगी। इनेलो नेताओं ने कहा कि एसवाईएल के अधूरे निर्माण को पूरा करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है और केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट में इस नहर के निर्माण के लिए खर्च होने वाली धनराशि के लिए कोई प्रावधान न करके यह दर्शा दिया है कि उन्हें हरियाणा के हितों से कोई सरोकार नहींं है और बजट से देशवासियों के साथ-साथ हरियाणावासियों को भी भारी निराशा हुई है क्योंकि बजट में हरियाणा के लिए कोई बड़ी परियोजना नहीं दी गई।
इनेलो नेताओं ने कहा कि पिछले चुनाव के समय भाजपा सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कर किसानों को उनकी फसलों के लागत मूल्य के साथ 50 फीसदी मुनाफा देने का वादा किया था और आज मुनाफा देना तो दूर किसानों को अपनी फसलों का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा। इससे भी ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि जब से भाजपा ने सत्ता सम्भाली है तब से किसानों को उनकी फसलों के लिए सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पा रहा और किसानों को अपनी फसलें एमएसपी से भी 250 से 300 रुपए प्रति क्विंटल कम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इनेलो नेताओं ने कहा कि बजट में स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का कहीं कोई उल्लेख नहीं किया गया और बार-बार किसानों की आय बढ़ाने की खोखली घोषणा तो की जा रही है लेकिन इस दिशा में धरातल पर कहीं कोई कदम नहीं उठाए जा रहे और न ही किसानों को कोई राहत दी जा रही है जिसके चलते कर्ज के बोझ से दबे हुए किसान आए दिन आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्ति नहीं मिलती और स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करके किसान की कृषि उपजों के लाभप्रद मूल्य नहीं मिल जाते तब तक न तो किसान खुशहाल हो सकता है और न ही देश खुशहाल हो सकता है क्योंकि भारत एक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाला देश है और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने से ही देश का हर वर्ग खुशहाल होगा।
इनेलो नेताओं ने कहा कि बजट में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने, खेती को लाभप्रद बनाने और नोटबंदी की मार से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने कहीं कोई कदम नहीं उठाया। इनेलो नेताओं ने कहा कि बजट में सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने और नदियों को आपस में जोडऩे जैसी योजनाओं पर भी कहीं कोई धनराशि खर्चे जाने की व्यवस्था नहीं की गई है। इनेलो नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने बार-बार पेट्रोल व डीजल पर करों में बढ़ौतरी करके सरकारी खजाने में भारी धनराशि जुटाने का काम किया है और नोटबंदी से भी सरकार के पास भारी मात्रा में धनराशि आई है। अब सरकार को इस धनराशि को किसानों, गरीबों, मजदूरों व कमेरे वर्ग के उत्थान व उनके विकास पर खर्च करना चाहिए था लेकिन सरकार इस मामले में कोई कदम नहीं उठा पाई और लोगों को पूरी तरह निराशा ही हाथ लगी है। इनेलो नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट के नाम पर मात्र एक औपचारिकता निभाने का काम किया है और कर्मचारियों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं व कमजोर तबकों को बजट ने पूरी तरह से निराश किया है।