सुनैना चौटाला ने उकलाना में जब अपना संबोधन शुरू किया तो अपने स्वर्गीय पिता को याद करके भावुक हो गई और कहा कि आज उनके पिता उनके साथ नहीं हैं लेकिन मेरे लोकसभा क्षेत्र के सभी बुजुर्ग मेरे पिता तुल्य हैं। सुनैना ने चौ. ओम प्रकाश चौटाला का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने उकलाना की बेटी को टिकट देकर पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है। वहीं कुरूक्षेत्र से स्वयं लोकसभा का चुनाव लड़ रहे अभय सिंह चौटाला भी समय की कमी होते हुए भी मेरे लिए वोट मांगने आए उनका भी आभार। सुनैना ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आप सभी इस चुनाव को अपना चुनाव समझ कर लड़ें और जब वोट मांगने घर-घर जाएं तो उनसे कहना कि हमारी बेटी सभी के मान सम्मान के लिए चुनाव में उतरी है उसको जिता कर किसान कमेरे की इनेलो पार्टी को मजबूत करें। सुनैना ने कहा कि आज हर कोई नेता कुर्सी की लड़ाई में लगा हुआ है लेकिन 13 महीने जब किसान तीन काले कानूनों को खत्म करवाने के लिए आंदोलन कर रहा था तब किसान संगठनों ने पूरे देश के 4200 विधायकों और सांसदों से अपने पद को छोड़ कर सहयोग करने की अपील की थी लेकिन उनमें से एक ने भी अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया सिर्फ अभय सिंह चौटाला ने किसानों की अपील पर उनका मान रखा, अपने पद का त्याग किया और किसानों के साथ आकर खड़े हो गए थे। सुनैना ने कहा कि आज के समय में सिर्फ अभय सिंह चौटाला एकमात्र योद्धा हैं बाकी सारे तो स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं।