पंचकूला : घर की बैल बजाने पर बच्चे को जमकर पीटने का मामला तूल पकड़ गया है। शनिवार को सेक्टर 21 निवासी प्रदीप खिरबट के घर पर काफी संख्या में लोग एवं बच्चे इकठ्ठे हुए और बच्चे के साथ किये गये अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की। साथ ही पिटाई करने वाले बाप-बेटे पर जुवनाइल एक्ट के तहत कार्यवाही करने एवं बच्चे के अभिभावकों पर दर्ज झूठा केस वापिस लेने की मांग की। लोगों ने पुलिस उपायुक्त अनिल धवन से मुलाकात की। डीसीपी ने लोगों ने सेक्टर 5 के अतिरिक्त थाना प्रभारी ईश्वर के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की।
वीरवार देर रात सेक्टर 5 के पुलिस थाने में बच्चे के अभिभावकों एवं आरोपी बाप-बेटे के बीच जमकर झगड़ा हुआ था। दरअसल सेक्टर 21 निवासी प्रदीप खिरबट का बेटा आर्यमनवीरवार शाम को अपने दोस्तों के साथ गली में खेल रहा था। इसी बीच उसने मकान नंबर 558 सेक्टर 21 की बैल बजा दी। जिसके बाद आर्यमन को इस घर में रहने वाले 55 वर्षीय मालिक शिवचरण चौपड़ा एवं उसके बेटे साहिल चौपड़ा ने पकड़ लिया था। आर्यमन के दोस्त मौके से भाग गए थे और आर्यमन को इस मकान मालिक ने घर के अंदर ले जाकर लात, घूंसों और चप्पलों से खूब पीटा था। जिससे आर्यमन के मुंह पूरी तरह सूज गया था और उसके शरीर पर नील पड़ गए थे। प्रदीप ने बताया कि गली में जब बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी, तो वह अपने आर्यमन को ढूंढने लगे, तो पड़ौसियों ने बताया कि वह सेक्टर 21 के मकान नंबर 558 में है। जहां उसे लॉन में बिठा रखा था।
पुलिस के मुताबिक प्रदीप खरबट और उसके रिश्तेदार सेक्टर 21 की चौंकी में पहुंच गए। जहां पर पुलिस ने साहिल चौपड़ा को चौंकी में बुला लिया। जहां पर प्रदीप के रिश्तेदारों ने साहिल की पिटाई कर दी। इसके बाद मामला बढ़ता देख पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी और शिव चरण व साहिल को सेक्टर 5 थाने में ले जाया गया। पुलिस ने आर्यमन की हालत को देखते हुए प्रदीप को शिकायत देने के लिए कहा। परंतु उसके बाद पुलिस शिकायत लेने की बजाय उनसे बदसलूकी शुरु कर दी और उन पर उल्टा केस बना दिया। बच्चे के पिता प्रदीप खिरबट ने आरोप लगाया कि आरोपी बाप शिवचरण अरोड़ा एवं बेटे साहिल अरोड़ा पर जमानती धाराएं और हमारे खिलाफ गैर जमानती धाराएं लगा दी। जिस कारण हम सभी सहम गए हैं। इस घटना में सुभाष कौशल, करण भल्ला इत्यादि मारपीट में शामिल नहीं थे, परंतु पुलिस ने जानबूझ केस में नाम डाल दिया। पिता ने कहा कि अगर पुलिस के पास कोई सीसीटीवी फुटेज है, तो उसे सार्वजनिक करें, नहीं तो उनके खिलाफ़ मामला रद्द किया जाए।
प्रदीप खिरबट, रंजीता मेहता एवं अन्य लोगों ने डीसीपी से मांग की कि वह शिवचरण अरोड़ा, साहिल अरोड़ा के खिलाफ जुवनाइल की धाराएं जोडक़र उनकी जमानत ना होने दी जाए। लोगों ने कहा कि पुलिस अधिकारी ईश्वर ने जानबूझ कर आर्यमन के अभिभावकों पर झूठा केस दर्ज किया और जमानती धाराएं लगा दी।
पुलिस उपायुक्त अनिल धवन ने कहा कि आरोपी बाप-बेटा को बख्शा नहीं जाएगा। आर्यमन के परिवार की शिकायत पर पूरी निष्पक्ष जांच की जाएगी।