वाराणसी : भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में कड़वाहट के बीच गीतों-गजलों के जरिए प्यार की नई कोपलें फूटेंगी. सरहद पार सुरों से मोहब्बत का पैगाम लेकर एक बार फिर पाकिस्तानी गजल सम्राट उस्ताद गुलाम अली संकट मोचन संगीत समारोह में हाजिरी लगाने काशी आएंगे.
गुरुवार की दोपहर उन्होंने बनारस आने की स्वीकृति दे दी. संकट मोचन संगीत समारोह की पहली निशा गुलाम अली की गजलों से गुलजार होगी. उनके साथ भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित के भी समारोह में शिरकत करने के संकेत मिले हैं.
गुरुवार की दोपहर एक बजे उस्ताद ने संकट मोचन मंदिर के महंत विश्वंभरनाथ मिश्र को फोन कर संगीत समारोह में हाजिरी लगाने की जैसे ही स्वीकृति दी, इसके तत्काल बाद तुलसी घाट पर इस खुशखबरी को साझा किया गया. महंत प्रो. विश्वंभर नाथ ने कहा कि सुर ही दिलों को जोड़ सकता है. संगीत के लिए न कोई सरहद होती है न कोई मजहबी दीवार.
संकट मोचन के दरबार में उस्ताद के हाजिरी लगाने से दिलों की दूरियां ही नहीं घटेंगी, आपसी सद्भाव भी बढ़ेगा. बता दें कि दो दिन पहले दिल्ली के अशोक होटल में एक शादी समारोह के दौरान गुलाम अली से महंत प्रो. विश्वंभर नाथ की मुलाकात हुई थी. महंत ने बताया कि 26 की शाम डॉ. विश्वनाथ के गायन से संगीत समारोह का आगाज होगा. इसके बाद गुलाम अली मंच संभालेंगे.