लोकसभा चुनाव के सियासी रण के दूसरे चरण, यानि 26 अप्रैल को कांग्रेस नेता और मुख्य विपक्षी नेता माने जाने वाले राहुल गांधी मैदान में होंगे. वायनाड से कांग्रेस के मौजूदा सांसद गांधी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी नेता एनी राजा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. इसके साथ ही ठीक इसी तारीख को उत्तर प्रदेश के प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र अमेठी और रायबरेली के लिए भी नामांकन शुरू होना है, जहां आगामी 20 मई को आम चुनाव होना है. एक मीडिया चैनल के हवाले से खबर है कि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली पहुंच सकते हैं, लेकिन इससे पहले दोनों नेता अयोध्या राम मंदिर में श्री राम के दर्शन करते नजर आ सकते हैं.
गौरतलब है कि, सियासी गलियारे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है. हालांकि कांग्रेस नेता फिलहाल इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं. साथ ही पार्टी हलकों में अटकलें तेज हैं कि, अमेठी और रायबरेली जाने से पहले दोनों भाई-बहन राम लला से आशीर्वाद लेने के लिए अयोध्या पहुंच सकते हैं. हालांकि फिलहाल इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
राहुल-प्रियंका को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का नहीं मिला था बुलावा
मालूम हो कि, साल 2024 के शुरुआत में 22 जनवरी को हुए रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के भव्य समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को आमंत्रण नहीं मिला था. गांधी परिवार से सिर्फ सोनिया गांधी को ही राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए बुलावा आया था. वजह बताई गई थी कि, भाई- बहन राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से निर्धारित मानदंडों के आधार पर निमंत्रण प्राप्त करने के योग्य नहीं हैं.
ऐसा रहा है अमेठी और रायबरेली सीट का सियासी इतिहास
राहुल गांधी ने 2004 में अमेठी से अपनी राजनीतिक शुरुआत की और 2019 में भाजपा की स्मृति ईरानी से हारने से पहले तीन बार सीट जीती. हालांकि, गांधी वायनाड से लोकसभा सीट सुरक्षित करने में कामयाब रहे.
वहीं 2004 से रायबरेली कांग्रेस का गढ़ रहा है. 2004 से सोनिया गांधी के पास रायबरेली सीट थी. हालांकि, फरवरी में, सोनिया गांधी राज्यसभा के लिए चुनी गईं और उन्होंने घोषणा की कि वह 2024 के आम चुनावों में रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ेंगी. विशेष रूप से, रायबरेली उत्तर प्रदेश की एकमात्र सीट थी जहां कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में जीतने में कामयाब रही थी.