Varanasi Lok Sabha Seat Update: उत्तरप्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट पर देश भर की नजर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर राजस्थान के युवा कामेडियन श्याम रंगीला अचानक इस सीट के साथ चर्चा में आ गए। इसी वजह से पूरे देश में श्याम रंगीला भी सुर्खियों में छाए हुए हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ताल ठोकने से सोशल मीडिया पर पॉपुलर कामेडियन का लोग हौसला भी बढ़ा रहे हैं, लेकिन अंदर की सच्चाई यह है कि श्याम रंगीला के पास लोकसभा चुनाव 2024 में नामांकन करने के 25 हजार रुपए भी नहीं है। उनके पास केवल एक ताकत है, वह है 25 लाख फालोअर्स की। रंगीला ने कहा “क्राउड फंडिंग से पैसे जुटाकर नामांकन भी भरूंगा। पोस्टर गाड़ी की व्यवस्था भी क्राउड फंडिंग से करूंगा।”
कौन है श्याम रंगीला, जिन्होंने वाराणसी में पीएम मोदी को दी चुनौती?
राजस्थान के सीमावर्ती जिले श्रीगंगानगर के एक छोटे से गांव मोखमवाला में श्याम रंगीला का जन्म हुआ। वे मात्र 12 वीं पास हैं। उनकी उम्र मात्र 29 साल है। हास्य रचनाओं और कॉमेडी से लोगों का मनोरंजन ही उनका पेशा है। इसके चलते वे युवाओं में बहुत पॉपुलर हैं। सोशल मीडिया पर उनके 25 से 30 लाख फालोअर्स हैं। बीते दिनों उन्होंने उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव 2024 में ताल ठोकने की घोषणा कर दी।
10 मई को वाराणसी में नामांकन करेंगे श्याम रंगीला
श्याम रंगीला ने कहा “पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ मैं पक्का चुनाव लडूंगा। 10 मई नामांकन भरूंगा। मुझे कोई बिठा नहीं सकता। मैं यह बताना चाहता हूं कि बीजेपी या पीएम सभी को बिठा सकते हैं फिर भी मैं नहीं बैठूंगा।” राजनीतिक पारी के लिए वाराणसी को चुनने के सवाल पर श्याम रंगीला ने कहा “मैंने देखा सूरत और इंदौर में। कांग्रेस के प्रत्याशी बैठ गए या बीजेपी में शामिल हो गए। अब वहां कोई बीजेपी के सामने लड़ने वाला रहा ही नहीं। यदि वाराणसी में सभी बैठ जाएंगे तो भी मैं खड़ा रहूंगा।”
क्राउड फंडिंग से जुटाएंगे 25 हजार रुपये
मीडिया के सवाल पर श्याम रंगीला ने कहा “मेरे पास खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं। क्राउड फंडिंग से मैं नामांकन के लिए 25 हजार रुपये जुटा लूंगा।” उन्होंने आगे कहा कि भारत का नागरिक कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है। वोट की परवाह नहीं हैं। जमानत जब्त होगी तो भी 25 हजार मोदी की जेब में तो नहीं जाएंगे। चुनाव आयोग में जाए, वह देश के ही काम आएंगे।”