व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे (WITT) के सत्ता सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जैसा किया गया है वो ठीक नहीं. यदि केंद्र सरकार चुनी ही सरकारों को तोड़ती है तो ये कौन सा लोकतंत्र है, इससे पहले मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही हुआ था, कर्नाटक में, मणिपुर में, गोवा में हर जगह ऐसा ही करते हैं, यदि ये जीतकर नहीं आते तो लोगों को डरा-धमकाकर तोड़ते हैं, ये लोकतंत्र नहीं है.
खरगे ने कहा कि लेाकतंत्र में हिम्मत दिखानी चाहिए. क्या नेहरू जी ने, लाल बहादुर शास्त्री या राजीव गांधी ने ऐसा ही किया था. यदि ये ऐसा ही करते रहे तो एक दिन देश में लोकतंत्र खत्म हो जाएगा, संविधान को ताक पर रख देंगे. अगर आपको बहुमत मिला है तो ठीक है, लेकिन डरा-धमकाकर ऐसा करना ठीक नहीं है.
चंद लोग पावर के भूखे होते हैं
कांग्रेस छोड़कर एनडीए गठबंधन में जा रहे लोगों पर खरगे ने कहा कि चंद लोग पावर के भूखे होते हैं, वो लोग जब 30-40 साल हमारे साथ थे. हमारी विचारधारा में कौन सा बदलाव आ गया जो ये लोग चले गए. तब कांग्रेस सत्ता में थी उसके पास अधिकार था तो बाहर के लोग भी जुड़ते जाते थे. तमाम नेता इसका उदाहरण हैं. खरगे ने कहा कि मैं एक ही पार्टी में हूं, क्या मैं निराश हो गया हूं, मेरा तो लक्ष्य लोकतंत्र को बचाना है, संविधान को बचाना है, चाहे कुछ मिले या नहीं.
कांग्रेस की गारंटी असली गारंटी थी
खरगे ने कहा कि हम जब सत्ता में थे तो मनरेगा की गारंटी दी, शिक्षा की गारंटी दी, फूड सिक्योरिटी की गारंटी दी. यूपीए सरकार ने लोगों के लिए बहुत योजनाएं शुरू कीं, जनता को गारंटी दी. बीजेपी ने हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, क्या 10 साल में 20 करोड़ नौकरियां दीं. उन्होंने हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख देने का ऐलान किया था, दिए, क्योंकि उनकी गारंटी असली गारंटी नहीं थी.
जनता के आशीर्वाद से यहां तक पहुंचा
खरगे ने बताया कि 1947 में मेरा पूरा घर जलकर बर्बाद हो गया था, मैंने मां को खोया, बहन को खोया, चाचा को खोया, पिता जी खेत में काम कर रहे थे और मैं कहीं खेल रहा था. उन्हें किसी ने जाकर बताया कि आप यहां खेत में काम कर रहे हैं और आपके घर में आग लगी है. पिता जी वहां गए और मुझे लेकर ट्रेन पकड़ी और मुझे चाचा के यहां ले गए. वहां टेक्सटाइल मिल में पिता जी ने काम किया. पिता जी ने मुझे पाला पोसा, फिर स्टूडेंट लीडर बना, श्रमिक नेता बना, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष, तब से लगातार जनता के आशीर्वाद से मैं यहां तक पहुंचा हूं.