चंडीगढ़।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का बयान।
हरियाणा पंजाब के बॉर्डर पर जो किसान आंदोलन चल रहा है।
पुलिस किसानों पर आंसू गैस, प्लास्टिक की गोली, लाठीचार्ज आदि का इस्तेमाल कर रही है।
प्रदर्शन में काफी किसानों की घायल होने की भी सूचना है।
हमारी सरकार को सलाह है कि वह संयम बरते।
किसानों के जोर जबरदस्ती ना करें। ये विदेशी किसान नहीं है।
सरकार ने पंजाब हरियाणा के बॉर्डर को दो देशों के बीच का बॉर्डर बना दिया है।
किसानो के साथ जो व्यवहार किया जा रहा है। वो गलत है।
सरकार किसानों को उकसाने की कोशिश ना करें। वरना किसानों को संभालना मुश्किल हो जाएंगे।
किसानों के सारे मुद्दे बातचीत से निपटना चाहिए।
किसानोबकी जो मांगे हैं वह पूरे देश के किसानों की मांगे हैं।
इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अपने स्वार्थ के लिए किस कुछ नहीं मांग रहे हैं।
सरकार किसानों की मांगों पर सौहार्दपूर्ण विचार कर बात करें।
सभी मांगे माननी चाहिए।
किसानों के साथ दुर्व्यवहार करना गलत है
केंद्र सरकार ने पहले भी जो किसानों से जो वादे किए थे, वे अभि तक भी पूरे नहीं किए हैं।
बुधवार को हमने अपने पदाधिकारी की बैठक बुलाई है।जिसमें अगली रणनीति पर चर्चा होगी।
बैठक में सिर्फ संगठन के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। बैठक कुरुक्षेत्र के गांव चढूनी में होगी।