इन दिनों यूपी विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. दोपहर करीब एक बजे राज्य के नगर विकास मंत्री ए.के शर्मा ने सदन में लिफ्ट और एस्कलेटर विधेयक को रखा. सदन में मौजूद सभी विधायकों ने इस विधेयक का समर्थन किया और लिफ्ट और एस्कलेटर विधेयक आम सहमति से पास हो गया.
राज्यपाल की मंजूरी के बाद ये कानून का रूप ले लेगा. नोएडा और गाजियाबाद समेत यूपी के कई शहरों में बीते समय में लिफ्ट में फंसने या फिर गिरने से कई जानें जा चुकी हैं जिसको लेकर यूपी सरकार ने इस विधेयक को विधानसभा के पटल पर रखा था.
ताकी रोकी जा सकें दुर्घटनाएं
बीते पांच फरवरी को कैबिनेट की बैठक में लिफ्ट में हो रहे हादसों को रोकने के लिए कानून बनाने का फैसला हुआ था. बहुमंजिला भवनों में लिफ्ट में हो रही दुर्घटनाओं को रोकने और जवाबदेही तय करना इस कानून का मकसद है. इसके लिए ‘यूपी लिफ्ट और एस्केलेटर विधेयक’ पेश किया गया. दरअसल बहुमंजिला इमारतों की बढ़ती संख्या के चलते लिफ्ट और एस्केलेटर का उपयोग दिन-ब-दिन बढ़ रहा है. इसके चलते दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं. सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली सहित 9 राज्यों में लिफ्ट एक्ट लागू हो चुका है. यूपी में भी अब इसे लागू करने की तैयारी कर ली है. एक उच्चस्तरीय बैठक में सीएम ने कहा था कि शहरीकरण और बहुमंजिला इमारतों के प्रसार से लिफ्ट और एस्केलेटर का उपयोग बढ़ रहा है. ज्यादा फुटफॉल वाले स्थानों पर लिफ्ट और एस्केलेटर अब सबसे बड़ी जरूरत हैं.
हल्द्वानी हिंसा: 1937 से मुस्लिम पक्ष के पास थी मदरसे की जगह अमित शाह को पत्र लिख क्या बोले मदनी?
इस कानून से क्या बदलेगा?
इस कानून बनने के बाद नये लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा. पहले से लगे लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए भी ऐसा करना जरूरी होगा. यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑटो रेस्क्यू डिवाइस का लगाया जाना भी अनिवार्य होगा ताकि बिजली आपूर्ति में या बाकी किसी खराबी की स्थिति में लिफ्ट में फंसे यात्री निकटतम लैंडिंग तक पहुंचे और लिफ्ट का दरवाजा अपने आप खुल जाए. आपातकालीन घंटी, सीसीटीवी, पर्याप्त रोशनी और लिफ्ट के बाहर संदेश के लिए कम्युनिकेशन प्रणाली भी अनिवार्य की जाएगी. बता दें, पिछले साल नोएडा और यूपी के कई शहरों में ऐसी कई घटनायें हुईं. सोलह सितंबर को नोएडा एक्सटेंशन में लिफ्ट गिरने से उसमें सवार नौ में से आठ लोगों की मौत हो गई. इसके बाद बीजेपी विधायक धीरेन्द्र सिंह ने इस मुद्दे को उठाया था. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी इस बारे में चर्चा करने के लिए मुलाकात की थी.
बहुत बड़ा ब्लास्ट हो सकता है, अगर वो दंगा चाहते हैं तो हम तैयार हैं मस्जिद पर चढ़कर तौकीर रजा ने उगला जहर
एजेंसी की तय होगी जवाबदेही
सार्वजनिक परिसर में स्थापित लिफ्ट और एस्केलेटर के संचालन के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना के समय यात्रियों के जोखिम को कवर करने के लिए बीमा की व्यवस्था होगी. संचालन में किसी शिकायत या प्रतिकूल सूचना पर निर्माता या अन्य संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान एक्ट में किया जाएगा। किसी भी दुर्घटना की स्थिति में संबंधित थाने को अविलंब सूचना देनी होगी। पंजीकरण की प्रक्रिया, योग्यता, फीस आदि के बारे में भी प्रस्तावित एक्ट में स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं.