NCP Crisis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का नया बॉस अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार बन गए है। जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाले धड़े को आयोग ने नया नाम दिया है। शरद पवार का खेमा अब “राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार” के नाम से जाना जाएगा।
चुनाव आयोग ने मंगलवार को अजित पवार को एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न दे दिया। शरद पवार गुट ने अजित पवार को एनसीपी का नाम और ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न सौंपने के चुनाव आयोग के फैसले की कड़ी आलोचना की है। साथ ही कहा है कि वह आयोग के इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
खबर है कि मुंबई स्थित एनसीपी के मुख्यालय पर भी अजित पवार गुट ने दावा ठोका है। बता दें कि चुनाव आयोग ने मंगलवार को अजित पवार गुट को असली एनसीपी का दर्जा दिया। आयोग ने आदेश में अजित पवार के नेतृत्व वाले ग्रुप को एनसीपी का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी आवंटित किया।
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार शरद पवार गुट ने आज तीन विकल्प प्रस्तावित किये थे। चुनाव आयोग ने ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ नाम पर मुहर लगाई है। अब शरद गुट इस नए नाम के साथ राज्यसभा चुनाव में उतरेगा। हालांकि सिंबल को लेकर अभी फैसला नहीं हुआ है।
1999 में कांग्रेस से अलग होने के बाद शरद पवार ने कुछ अन्य नेताओं के साथ मिलकर एनसीपी पार्टी का गठन किया था। इसलिए चुनाव आयोग का यह फैसला एनसीपी संस्थापक शरद पवार के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है।
ये लोकतंत्र की हत्या है- सुप्रिया सुले
वरिष्ठ पवार की बेटी व एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने चुनाव आयोग के फैसले को “लोकतंत्र की हत्या” करार दिया। उन्होंने कहा, भले ही चुनाव आयोग ने विधायकों की संख्या के आधार पर अपना फैसला सुनाया है, मगर इसके पीछे ‘अदृश्य शक्ति’ की मौजूदगी है। उन्होंने कहा, हम चुनाव आयोग के फैसले से बिल्कुल भी हैरान नहीं हैं। एनसीपी के संस्थापक शरद पवार से अन्यायपूर्वक उनकी पार्टी छीन ली गई। हम न्याय पाने के लिए इस फैसले के खिलाफ पूरी ताकत से सुप्रीम कोर्ट में लड़ेंगे।
सांसद सुप्रिया सुले ने अपने चचेरे भाई अजित पवार का बिना नाम लिए उन पर निशाना साधा। सुले ने कहा कि यह अफसोस की बात है कि उन्होंने (अजित पवार) ने शरद पवार को उनके अपने ही घर से बाहर निकाल दिया।