Hemant Soren News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम द्वारा की गई छापेमारी को लेकर हंगामा जारी है क्योंकि अभी तक ईडी के अधिकारियों को वो मिले नहीं हैं।
लेकिन ईडी की टीम को उनके घर से दो बीएमडब्ल्यू कार, कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज और 36 लाख रुपये नगद जरूर मिले हैं।
लेकिन इसी बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मनोज पांडे ने भड़कते हुए कहा है कि ‘वे भगोड़े नहीं, एक लोकप्रिय नेता हैं, जानबूझकर एक निर्वाचित सीएम को निर्वाचित सरकार की ओर से परेशान किया जा रहा है।’
सभी विधायकों को रांची नहीं छोड़ने का आदेश
तो वहीं खबर ये भी आ रही है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के सभी विधायकों को राज्य की राजधानी रांची नहीं छोड़ने को कहा गया है और बोला गया है कि ‘आज एक मीटिंग होगी, जिसमें सभी विधायक उपस्थित रहें।’ मालूम हो कि झामुमो, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं।
छापेमारी के बाद भड़के जेएमएम नेता
ईडी की छापेमारी पर भड़कते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मनोज पांडे ने कहा कि ‘क्या आदिवासी होना पाप है? हेमंत सोरेन ने ईडी को जानकारी दी थी कि वह 31 जनवरी को बयान के लिए उपलब्ध रहेंगे, तो 29 जनवरी को जांच क्यों की गई?’
सब कुछ जनता की अदालत में होगा…
‘क्या ये किसी प्लानिंग के तहत नहीं हो रहा है? सीएम सोरेन आदिवासियों के दिल में बसते हैं, सब कुछ जनता के सामने हो रहा है और उसे समझ आ रहा है कि क्या सही है और क्या गलत? वो ही सबको जवाब देगी।’
ईडी के एक्शन पर होगी बात- विनोद कुमार सिंह
तो वहीं पार्टी महासचिव और प्रवक्ता विनोद कुमार सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि ‘आज झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायकों की मीटिंग मुख्यमंत्री आवास में होगी जिसमें राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और ईडी के एक्शन पर चर्चा होगी।’ 29 जनवरी को सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी आपको बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम ने सोमवार यानी की 29 जनवरी को सुबह 5 बजे छापेमारी की लेकिन सीएम नहीं मिले। 31 जनवरी की थी डेडलाइन हालांकि उनकी पार्टी वाले कह रहे हैं कि सीएम ने ईडी को 31 जनवरी की डेडलाइन दी थी लेकिन लेकिन ईडी का कहना है कि उसने सोरेन से पूछा था कि ‘वो पेशी के लिए 29 या 31 जनवरी की तारीख दें, अगर वो नहीं देंगे तो ईडी के अधिकारी खुद ही उनसे पूछताछ करने पहुंच जाएंगे। जब सोरेन ने कोई उत्तर नहीं दिया तो ईडी की टीम उनके आवास पर पहुंच गई।