राहुल गांधी ने गुवाहाटी पुलिस द्वारा कथित तौर पर भीड़ को उकसाने के लिए अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के एक दिन बाद यानी बुधवार को कहा कि भाजपा शासित राज्य को चुनौती देते हुए कहा कि जितना हो सके उतने मामले दर्ज करने की चुनौती दी। राहुल ने कहा कि वह इस तरह की कार्रवाइयों से नहीं डरेंगे। असम के बारपेटा जिले में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के 7वें दिन लोगों को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि हिमंत बिस्वा सरमा को यह विचार कैसे आया कि वह मामले दर्ज करके मुझे डरा सकते हैं। वह जितना संभव हो उतने मामले दर्ज करवा लें। 25 और मुकदमे दर्ज कर लें, मैं डरने वाला नहीं हूं। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी-आरएसएस मुझे डरा नहीं सकती।’
राहुल गांधी ने सीएम हिमंत बिस्वा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने काजीरंगा नेशनल पार्क में भी जमीन ली है। असम के मुख्यमंत्री की पत्नी द्वारा नियंत्रित मीडिया साम्राज्य पर प्रकाश डालते हुए, गांधी ने दावा किया कि राज्य में टेलीविजन मीडिया वही चित्रित करता है जो सरमा चाहते हैं।
असम सीएम पर अमित शाह का है नियंत्रण
राहुल ने कहा कि ‘सरमा, अमित शाह द्वारा नियंत्रित हैं। अगर कोई अमित शाह के खिलाफ कुछ भी कहता है तो सरमा उसे दो मिनट में बाहर कर देते हैं। तरुण गोगोई भी सीएम थे लेकिन उन्होंने वही किया जो असम चाहता था।’ 23 जनवरी को गुवाहाटी पुलिस ने राज्य की राजधानी में हिंसा के कृत्यों में शामिल होने के लिए गांधी और अन्य नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
असम सरकार के कदम की आलोचना की
असम सरकार के इस कदम की कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया सहित कांग्रेस नेताओं ने भी आलोचना की। उन्होंने राहुल गांधी की यात्रा को रोकने के लिए संविधान विरोधी कार्रवाइयों का सहारा लेने की आवश्यकता पर सवाल उठाया। सिद्धारमैया ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि “संख्याओं पर ध्यान केंद्रित करने से बातें याद नहीं रहती हैं। भले ही वह केवल श्री राहुल गांधी ही क्यों न हों? सवाल यह है कि उन्हें रोकने के लिए ऐसे संविधान विरोधी कार्यों की आवश्यकता क्यों है? क्या आप उनसे डरते हैं या क्या भ्रष्टाचार के आरोपों की छाया अभी भी बनी हुई है?