Turky Sweden NATO: तुर्की की संसद ने मंगलवार (23 जनवरी) को स्वीडन की नाटो सदस्यता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं, जिससे ये नॉर्डिक देश पश्चिमी सैन्य गठबंधन के काफी करीब आ गया है। तुर्की की तरह से सहमति मिलना काफी ज्यादा जरूर था, क्योंकि राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कसम खाई थी, कि वो स्वीडन को किसी भी हाल में नाटो में शामिल नहीं होने देंगे।
तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन इसलिए गुस्से में थे, क्योंकि पिछले साल स्वीडन में कई बार इस्लामिक पवित्र किताब कुरान का अपमान किया गया। स्वीडन के दक्षिणपंथी नेताओं ने कई बार सार्वजनिक तौर पर कुरान का दहन किया था, जिसको लेकर इस्लामिक देशों में भारी गुस्सा था।
तुर्की ने खोला स्वीडन के लिए नाटो का दरवाजा
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने तुर्की की संसद में स्वीडन की सदस्यता को मंजूरी देने वाला विधेयक तीन महीने पहले पेश किया था और अब जाकर देश के सांसदों ने मंगलवार देर रात स्वीड को नाटो की सदस्यता देने के पक्ष में वोट डाल दिया है। चार घंटे की लंबी बहस के बाद 287 सांसदों ने स्वीडन की नाटो सदस्यता के पक्ष में वोट किया, जबकि 55 ने इसके खिलाफ वोट किया। तुर्की से हरी झंडी मिलने के बाद अब स्वीडन के नाटो गठबंधन का 32वां सदस्य बनने की संभावना है। संसद से स्वीडन के समर्थन में वोटिंग होने के बाद अब उस फाइल पर राष्ट्रपति अर्दोआन को साइन करना है और राष्ट्रपति के साइन करने के साथ की स्वीडन को तुर्की से पूरी तरह से हरी झंडी मिल जाएगी।
तुर्की की संसद में मतदान होने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्वीडिश प्रधान मंत्री उल्फ क्रिस्टरसन ने कहा, कि “आज हम नाटो के पूर्ण सदस्य बनने के एक कदम और करीब पहुंच गये हैं, कि तुर्की की ग्रैंड जनरल असेंबली ने स्वीडन के नाटो में शामिल होने के पक्ष में मतदान किया है।” स्वीडन के विदेश मंत्री टोबियास बिलस्ट्रॉम ने कहा, कि वोट “निश्चित रूप से अच्छा” था, लेकिन उन्होंने कहा, कि सरकार अब राष्ट्रपति अर्दोअन द्वारा अनुसमर्थन पर हस्ताक्षर करने और इसे आगे भेजने का इंतजार कर रही है। स्वीडिश ब्रॉडकास्टर एसवीटी से बात करते हुए उन्होंने कहा, “निश्चित रूप से, हम तब तक प्रक्रिया को पूरी नहीं मानेंगे, जब तक राष्ट्रपति इसपर दस्तखत करके फाइल आगे नहीं भेज देते हैं।” नाटो ने तुर्की के फैसले का किया स्वागत वहीं, नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने तुर्की की संसद से मंजूरी का स्वागत किया और हंगरी से भी ऐसा करने की अपील की है। उन्होंने हंगरी से “जितनी जल्दी हो सके अपना राष्ट्रीय अनुसमर्थन पूरा करने” की अपील की। उन्होंने कहा, “स्वीडन की सदस्यता नाटो को मजबूत बनाती है और हम सभी को सुरक्षित बनाती है।” संयुक्त राज्य अमेरिका ने तुर्की संसद द्वारा दी गई मंजूरी की सराहना की। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जेक सुलिवन ने सोशल मीडिया पर कहा, कि स्वीडन को नाटो में शामिल करने से गठबंधन “सुरक्षित और मजबूत” हो जाएगा। अब हंगरी आखिरी देश बचा तुर्की की मंजूरी ने हंगरी को स्वीडिश सदस्यता की पुष्टि करने वाला एकमात्र देश बना दिया है। हंगरी के प्रधान मंत्री विक्टर ओर्बन ने मंगलवार (23 जनवरी) को प्रगति का संकेत देते हुए स्वीडिश प्रधान मंत्री क्रिस्टर्सन को बातचीत पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया था। एक पत्र में, हंगरी के पीएम ओर्बन ने लिखा था, कि “मेरा माननाहै, कि अधिक गहन बातचीत हमारे देशों और संस्थानों के बीच विश्वास को मजबूत करने में योगदान दे सकती है, जिससे हमारी राजनीतिक और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा सकता है।” वहीं, स्वीडन के प्रधानमंत्री क्रिस्टरसन के प्रवक्ता ने कहा, कि उन्होंने फिलहाल हंगरी के निमंत्रण पर कोई टिप्पणी नहीं की है, हालांकि, बिलस्ट्रॉम ने कहा कि सरकार को जवाब देने से पहले “यह सोचने की ज़रूरत है कि पत्र क्या संकेत देता है”। फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद स्वीडन ने अपनी सुरक्षा नीति में एक बड़ा बदलाव करते हुए मई 2022 में नाटो सदस्यता में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। लगभग उसी समय फिनलैंड ने भी नाटो सदस्यता के लिए आवेदन किया था।
स्वीडन को बधाई देते हुए फिनलैंड के निवर्तमान राष्ट्रपति साउली निनिस्तो ने एक्स पर लिखा, कि “स्वीडन की नाटो सदस्यता की पुष्टि के लिए तुर्की संसद के वोट से मैं बहुत खुश हूं। स्वीडन की सदस्यता से बाल्टिक क्षेत्र में सुरक्षा में सुधार होगा और पूरा गठबंधन मजबूत होगा। स्वीडन के सदस्य बनने पर फ़िनलैंड की सदस्यता भी पूरी हो जायेगी।”