Shiv Sena MLA Verdict: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) राहुल नार्वेकर ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले पर अपना फैसला सुनाया है। राहुल नार्वेकर ने असली पार्टी पर उद्धव गुट की दलील खारिज कर दी है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट को असली शिवसेना बताया है। नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना प्रमुख का पद संवैधानिक नहीं है और राष्ट्रीय कार्यकारिणी ही सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि शिंदे गुट के विधायक अयोग्य नहीं है। इसके साथ ही यह साफ हो गया है कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम पद पर बने रहेंगे।
महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने अपना फैसला पढ़ते हुए कहा, शिवसेना प्रमुख के तौर पर अकेले उद्धव ठाकरे के पास एकनाथ शिंदे को पार्टी नेता के पद से हटाने का अधिकार नहीं था। यह फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी ही कर सकती है। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में शिंदे गुट ही असली शिवसेना है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का स्थान सबसे ऊपर है। इसलिए एकनाथ शिंदे को हटाने का अधिकार उद्धव ठाकरे को नहीं है।
अपने फैसले में राहुल नार्वेकर ने कहा, “दोनों पार्टियों (शिवसेना के दो गुट) द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए संविधान पर कोई सहमति नहीं है। दोनों दलों के नेतृत्व संरचना पर अलग-अलग दृष्टिकोण हैं… मुझे विवाद से पहले मौजूद नेतृत्व संरचना को ध्यान में रखते हुए प्रासंगिक संविधान तय करना होगा।”
उन्होंने कहा, “शिवसेना के 2018 संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है…रिकॉर्ड के अनुसार, मैंने वैध संविधान के रूप में शिव सेना के 1999 के संविधान को ध्यान में रखा है।”
उन्होंने कहा, “21 जून 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी गुट बना तब शिंदे गुट ही असली शिवसेना राजनीतिक दल था।” स्पीकर राहुल नार्वेकर ने 14 सितंबर से 20 दिसंबर तक मैराथन सुनवाई की। सुनवाई के दौरान दोनों गुटों के शिवसेना विधायकों ने जोरदार दलीलें दीं।