दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा की बीजेपी सरकार पर यमुना में प्रदूषकों के अप्रतिबंधित प्रवाह की इजाजत का आरोप लगा है। यह आरोप दिल्ली सरकार में जल मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को लगाया है। आतिशी ने नदी में अमोनिया का स्तर बढ़ने पर चिंता व्यक्त की है।
आतिशी ने कहा कि कच्चे पानी में अमोनिया का हाई लेवल चंद्रावल और वजीराबाद जल उपचार संयंत्रों की उत्पादन क्षमता को प्रभावित कर रहा है। जिसके कारण दिल्ली के लगभग एक-चौथाई हिस्से में पानी की कमी हो गई है।
मंत्री के मुताबिक, यमुना में अमोनिया का स्तर 2.8 भाग प्रति मिलियन तक पहुंच गया, जिससे संयंत्रों की उत्पादन क्षमता लगभग 50 फीसदी हो गई, और शहर के कई हिस्सों जैसे सदर बाजार, सिविल लाइन्स, पुरानी दिल्ली, मुखर्जी नगर , पटेल नगर, राजेंद्र नगर, करोल बाग और कमला नगर जल विहीन हो गए हैं। यह अब एक आवर्ती समस्या है और राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करती है।
आतिशी ने आगे कहा कि हरियाणा से छोड़े गए औद्योगिक अपशिष्ट और जैविक अपशिष्ट के साथ-साथ राज्य द्वारा नदी के पारिस्थितिक प्रवाह का रखरखाव न करना दिल्ली में अमोनिया में वृद्धि का प्रमुख कारण है। इस निरंतर संकट को हल करने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। इसके साथ ही आतिशी ने वजीराबाद तालाब में इन सीटू अमोनिया ट्रीटमेंट प्लांट लगाने में हो रही देरी पर भी नाराजगी जताई। मुख्य सचिव को लिखे पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देशों और बार-बार अनुवर्ती कार्रवाई के बावजूद देरी पर स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने 1 जनवरी तक निर्माण की समयसीमा के साथ रिपोर्ट मांगी है। उपचार संयंत्र में आगे की प्रक्रिया से पहले कच्चे पानी को तालाब में अमोनिया के लिए उपचारित किया जाता है।