चंडीगढ़।
सतलुज जमुना लिंक नहर निर्माण मामला।
पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री के बीच हुई बातचीत ।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत ने की अध्यक्षता।
बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान का बयान।
यह आज मैंने जो पक्ष रखा है वह पहले भी रख चुका हूं।
पंजाब के पास पानी नहीं है।
नहीं नहर कैसे बना दे। हरियाणा कहता है कि नहर बना दो, फिर देख लेंगे।
हैरानी की बात यह है कि पानी ही नहीं है, तो नहर क्यो बनाये।
25 साल के बाद रिपेरियन सिद्धान्त रिव्यू नहीं हुआ।
बैठक में हमने हमने और सुझाव दिया है
भारत सरकार चाहे तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक फैसला कर सकती है।
चिनाब नदी से रवि नदी ने पानी लाने के लिए सिंधु नदी ट्रीटी हुई थी। जिसके तहत एक 800 फीट लंबी सुरंग बनाई जानी थी।
जिसमें 5 मिलियन फिट एकड़ पानी आना था। लेकिन आज तक वह सुरंग नहीं बनी।
अगर वह सुरंग बन जाए तो रवि नदी में पानी आएगा।
हमने एक बार फिर SY वाला फार्मूला दिया है।
यमुना नदी से हरियाणा को पानी दे दो हमें कोई आपत्ति नहीं है।
जब पंजाब और हरियाणा इकट्ठे थे तब यमुना में पंजाब का भी हिस्सा बनता था।
जब पंजाब अलग हुआ तो हरियाणा का हिस्सा उसको मिला। लेकिन पंजाब को हिस्सा नहीं मिला।
पंजाब हरियाणा हमारा छोटा भाई है। हम उनका विरोध नहीं करते उनको भी पानी चाहिए
लेकिन पानी के और भी तरीके हैं।
हरियाणा के पास पानी के बहुत और भी चैनल है।
यमुना शारदा लिंक है।
इस वक्त सतलुज दरिया सूखकर नाला बन गया है। हमने कहा है कि अपने पुराने स्टैंड पर पंजाब सरकार खड़ी है।
हमारे पास पानी नहीं है। पंजाब को 52 MFA पानी चाहिए ताकि हर खेत में सिंचाई कर सके।
जबकि हमारे पास 14 MFA पानी है।
जबकि पंजाब में भूमिगत पानी 600 से 700 फीट के स्तर पर चला गया है। डार्क जोन बढ़ रहे हैं।
70% पंजाब का इलाका डार्क जोन में आ गया है।
जहां से पानी बहुत ज्यादा मात्रा में निकल गया है। ज्यादा हॉर्स पावर की मोटर लगाकर पानी निकाला जाता है।
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल के उसे बयान पर मुख्यमंत्री भागवत मान की प्रतिक्रिया जिसमें उन्होंने कहा था पानी नहीं, नहर निर्माण मसाला है।
भगवंत मान ने कहा कि नहर बनती है तो उसमें क्या डालेंगे
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार अपना पक्ष रखेगी। उनके हमारे पास बहुत सारा रिकॉर्ड है ।
हरियाणा का एक समझौता हुआ था पानी लेने के लिए।
यमुना नदी से पानी का यह
समझौता1994 में हुआ था।
लेकिन 30 साल में हरियाणा एक डैम नहीं बना सका।
जबकि धार कला में पंजाब सरकार अगले साल जनवरी के अंत तक 206 मेगावाट का डैम बना देगी।
हम इसे समानांतरित नहर भी निकलेंगे।
मेरे पास पंजाब सरकार किसानों को पानी देने के लिए बहुत कोशिश कर रही है।
पंजाब सरकार पानी बचाने के लिए बहुत कोशिश से कर रही है
पंजाब में पानी घट चुका है जिस वक्त पंजाब और हरियाणा के बीच समझौते हुए थे तब 17 मिलियन फिट एकड़ पानी था।
जो आज घटकर 12 मिलियन फिट एकड़ के आसपास रह गया है।
पाकिस्तान में एक बूंद पानी भी फालतू नहीं जा रहा है
पाकिस्तान को 5 मिलियन फिट एकड़ पानी जा रहा है।
यह पानी वह है चीनाब नदी से जो पानी रवि नदी को आना था। वह पानी जा रहा है
इस साल जब पंजाब में बाढ़ आई थी तो हमने हरियाणा से पूछा था कि पानी चाहिए।
तब इन्होंने का इनकार कर दिया था।
तो हम डूबने के लिए नहीं है
हमने पंजाब को बचाने के लिए हरिके पतन से पानी पाकिस्तान में पानी छोड़ा था
पंजाब अपने हिस्से के पानी की एक-एक बूंद इस्तेमाल करेगा।
पुराने समझौता के तहत राजस्थान को भी पानी दे रहे हैं।
पिछली सरकारों ने जो राजनीतिक समझौते किए थे वह लागू है8
लेकिन आज एक मुख्यमंत्री होने के नाते मैं कह रहा हूं कि पंजाब में कोई अतिरिक्त पानी नहीं है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को इस बात से आज अवगत करवा दिया है।
4 जनवरी को कोर्ट में जो सुनवाई होगी उसमें अपना जवाब देंगे