Honey Trap Case: मुंबई में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी द्वारा सोशल मीडिया के जरिए ‘हनी ट्रैप’ में फंसाकर गोपनीय जानकारियां साझा करने का मामला सामने आया है। इस मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने मुंबई नौसेना डॉकयार्ड के एक प्रशिक्षु (अप्रेंटिस) कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी तीन महिला पाक एजेंट के संपर्क में था।
महाराष्ट्र एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ते) ने बुधवार को पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) के साथ देश की महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने के आरोप में 23 वर्षीय प्रशिक्षु कर्मचारी गौरव पाटिल को गिरफ्तार किया।
पीआईओ ने रची साजिश
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी गौरव पाटिल डॉकयार्ड में अप्रेंटिस के तौर पर काम कर रहा था। वह फेसबुक पर तीन अज्ञात प्रोफाइलों के संपर्क में था। जांच एजेंसियों को संदेह है कि उसने देश के दुश्मनों को महत्वपूर्ण चीजों की तस्वीरें और वीडियो शेयर किए है।
एटीएस अधिकारी ने कहा, “हमें खुफिया जानकारी मिली थी कि एक भारतीय संदिग्ध पीआईओ के संपर्क में है। वह प्रतिबंधित क्षेत्रों के बारे में गोपनीय और संवेदनशील जानकारी दे रहा है।”
जिसके आधार पर एटीएस ने कार्रवाई की और जासूसी करने के आरोप में गौरव पाटिल को नवी मुंबई स्थित उसके आवास से हिरासत में ले लिया। पूछताछ के खुलासा हुआ कि उसे फेसबुक पर तीन अज्ञात प्रोफाइलों- मुक्ता महतो, पायल एंजेल और आरती शर्मा द्वारा हनी ट्रैप में फंसाया गया था।
पाकिस्तान से आये पैसे!
तीनों प्रोफाइलों को पाकिस्तान से ऑपरेट किया जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में गौरव से फेसबुक पर संपर्क किया और बाद में व्हाट्सएप पर बातचीत शुरू हुई। इस दौरान आरोपी ने उन्हें जहाजों और अन्य प्रतिबंधित क्षेत्रों के बारे में महत्वपूर्ण डिटेल्स दी।
एटीएस अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान की पीआईओ ने खुफियां जानकारी देने के लिए पाटिल को पैसे भी भेजे थे। एक अधिकारी ने कहा, यह घटना अप्रैल-मई और अक्टूबर 2023 के बीच हुई।
एटीएस ने गौरव पाटिल और उन तीन अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जो सोशल मीडिया पर चैट करते थे। गौरव को अदालत ने एक सप्ताह के लिए पुलिस हिरासत में भेजा है।
DRDO वैज्ञानिक हनी ट्रैप में फंसा!
इस साल हनी ट्रैप के जाल में फंसकर पाकिस्तानी एजेंसियों के लिए जासूसी करने का यह दूसरा मामला है। 30 जून को एटीएस की पुणे इकाई ने जासूसी मामले में पुणे में डीआरडीओ के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर (59) की गिरफ्तारी के संबंध में अपनी 1,835 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। उन्हें मई में गिरफ्तार किया गया था। यह भी पीआईओ का हनी ट्रैप का मामला बताया जा रहा है।
एटीएस ने कहा कि जांच के दौरान यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत मिले हैं कि कुरुलकर ने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित जानकारियां पाकिस्तानी खुफिया एजेंट को लीक की। इसके लिए उन्होंने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया। पुणे की एक विशेष एटीएस अदालत ने 7 दिसंबर को कुरुलकर की जमानत याचिका खारिज कर दी।