राजस्थान को भजन लाल शर्मा के रूप में नया मुख्यमंत्री मिल गया है. इसके साथ ही राज्य में नई सरकार के बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. राजस्थान के नए सीएम भजन लाल ने कल यानी मंगलवार शाम को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया. इस दौरान उनके साथ राजस्थान के पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे. इसके अलावा उपमुख्मंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा भी राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे.
नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 15 दिसंबर को होगा
नई जानकारी के अनुसार राज्य में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 15 दिसंबर को होगा. यहां खास बात यह है कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का जन्मदिन भी 15 दिसंबर को ही है. ऐसे में उनका मुख्यमंत्री बनना उनके लिए जन्मदिन का गिफ्ट माना जा रहा है. आपको बता दें कि इससे पहले छ्त्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होना है. आपको बता दें कि बीजेपी नेतृत्व ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी सीएम का ऐलान कर सबको चौंकाया हैं. राजस्थान में भी भजन लाल शर्मा के रूप में ऐसे मुख्यमंत्री का चुनाव किया गया है, जो लाइमलाइट से काफी दूर था. हालांकि वसुंधरा राजे सिंधिया, योगी बालकनाथ और सुनील बंसल जैसे बड़े नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे. लेकिन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का रिकॉर्ड देखकर यह साफ हो गया था कि राजस्थान में भी बीजेपी सीएम पद के लिए किसी ऐसे नेता का चुनाव करेगी, जो न कि बड़ा चेहरा हो बल्कि पार्टी के जातीय समीकरण में बिल्कुल फिट बैठता हो.
BJP का मकसद अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक जाना
इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस नीति का भी पता चलता है, जिसका खुलासा उन्होंने हाल के दिनों में किया है. पीएम मोदी ने हाल ही में कहा था कि जिसे कोई नहीं पूछता, उसे मोदी पूजता है. इसका मतलब साफ है कि बीजेपी की राजनीति अब पूरी तरह से बदल चुकी है. बीजेपी का मकसद है अब अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति तक जाना है. इसके साथ ही बीजेपी ने तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री के ऐलान कर यह संदेश भी दिया है किया कि उसके लिए हर वो कार्यकर्ता महत्वपूर्ण है, जो न केवल जनाधार वाला हो बल्कि पार्टी को नीतियों को भी आगे ले जाने वाला हो. तभी तो पार्टी ने एक बार के विधायक भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया.