गाजा में इजराइली सेना ने एक मध्ययुगीन ओमारी मस्जिद पर हमला कर उसका एक बड़ा हिस्सा तबाह कर दिया है। अल जजीरा की रिपोर्ट्स के मुताबिक इस ओमारी मस्जिद की स्थापना पाँचवीं शताब्दी में हुई थी। तब ये संभवतः इसाईयों का धार्मिक स्थल हुआ करता था।
फिलिस्तीनी समूह द्वारा शुक्रवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई फुटेज में गाजा शहर की इस सबसे बड़ी और सबसे पुरानी ग्रेट ओमारी मस्जिद को एक मलबे में तब्दील होते दिखाया गया है। इन तस्वीरों में मस्जिद की सिर्फ मीनार ही दिखाई दे रही है।
इस हमले के बाद हमास ने UNESCO से ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात कही है। गाजा के पर्यटन और पुरावशेष मंत्रालय ने कहा कि यूनेस्को को इस महान सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।”
रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा अनुमान है कि 7 अक्टूबर को गाजा पर इजराइली हमले की शुरुआत के बाद से 104 मस्जिदों को ध्वस्त कर दिया गया है। ओमार मस्जिद की हालात पर फिलिस्तीनी लोगों ने नाराजगी जाहिर की है। 45 वर्षीय अहमद नेमर ने समाचार सेवा रॉयटर्स को बताया, “मैं बचपन से वहां प्रार्थना करता रहा हूं और इसके आसपास खेलता रहा हूं।” नेमर ने इजराइल पर “लोगों की यादों को मिटाने की कोशिश” करने का आरोप लगाया।
इस मस्जिद पर हमला करने को लेकर इजराइली सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है। हमास ने कहा कि इजराइली सेना ने गाजा शहर में ओथमान बिन कश्कर मस्जिद पर भी गुरुवार को हवाई हमला किया गया था। इसके साथ ही हमास ने गाजा में अंतिम तुर्की शैली के स्नानघर हम्माम अल-समारा को बर्बाद किए जाने की भी निंदा की। ऐसा कहा जाता है कि इस स्नानघर में फिलिस्तीनियों ने 1,000 से अधिक वर्षों से स्नान किया था। हमास ने कहा कि इजराइली हमले में तीन चर्च भी नष्ट हो गए हैं, जिसमें 1,000 साल पुराना सेंट पोर्फिरियस का ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च भी शामिल है, जो इस क्षेत्र में अब भी सक्रिय सबसे पुराना चर्च है। इस बीच गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री ने गुरुवार रात दावा किया कि इजराइली हमलों में अब तक कुल 17,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। इसके अलावा 46 हजार लोग घायल हुए हैं। हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। इस हमले में 1200 से अधिक इजराइली नागरिक मारे गए थे।