Varanasi News: भाजपा के सीनियर लीडर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी सुनील ओझा का आज दिल्ली के अस्पताल में निधन हो गया।हाल ही में सुनील ओझा को उत्तर प्रदेश से बिहार में भेज कर चुनावी रणनीति तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंप गई थी। बिहार जाने से पहले सुनील ओझा यूपी के सह प्रभारी थे।वह गड़ौली धाम आश्रम को लेकर विवाद में आए थे।
सुनील ओझा मूल रूप से गुजरात के भावनगर जिले के रहने वाले थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी नेताओं में से एक माने जाते थे। सुनील ओझा भावनगर दक्षिण से बीजेपी के विधायक भी रह चुके थे। ब्राह्मण समाज से आने वाले ओझा बेहद जमीनी नेता थे। सुनील ओझा को बिहार का सह प्रभारी बनाने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई थी।
गड़ौली धाम आश्रम को लेकर थे चर्चाओं में
बता दें कि सुनील ओझा पिछले दिनों गड़ौली धाम आश्रम को लेकर चर्चाओं में थे। मिर्जापुर में गंगा नदी के किनारे गड़ौली धाम आश्रम का निर्माण किया जा रहा है। जिसके बारे में बताया जाता है कि ये सुनील ओझा की देखरेख में बन रहा था। बिहार में चल रहे राजनीतिक फिर बदल के लिए बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. जिसकी वजह से राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल मच गई थी.