चण्डीगढ़ : हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि हरियाणा गठन के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर राज्य को जोडऩे वाली अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर स्वर्ण जयंती द्वार बनाए जाएंगे। ऐसे 28 स्थानों की पहचान की गई है तथा मुख्य द्वार दिल्ली-गुडग़ांव मार्ग पर बनाया जाएगा। द्वारों का निर्माण सीमेंट-कंकरीट से न करवाकर स्टील या किसी अन्य धातु से किया जाएगा ताकि बाद में इस सामग्री का पुन: प्रयोग किया जा सके।
उन्होंने यह जानकारी आज यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी। एक प्रश्र के उत्तर में राव नरबीर ने कहा कि वर्ष 2016-17 के कार्यक्रम के अनुसार विभाग 5600 किलोमीटर लम्बी सडक़ों का निर्माण करेगा। इसके लिए निविदा प्रक्रिया जारी है। गत वर्ष लगभग 4700 किलोमीटर सडक़ों का निर्माण व मरम्मत का कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 के कार्य पूरे होने के बाद प्रदेश में कोई भी सडक़ ऐसी नहीं रहेगी, जिसकी मरम्मत न की गई होगी। विभाग द्वारा शीघ्र ही एक वाट्सअप नम्बर जारी किया जाएगा, अगर किसी व्यक्ति को सडक़ पर गड्ढा नजर आए जो वह वाट्सअप पर इसकी जानकारी दे सकता है और 72 घण्टे के अन्दर-अन्दर गड्ढा भर दिया जाएगा।
टोल हटाने के सम्बन्ध में पूछे गये एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पांच स्थानों पर टोल हटा दिए गये हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के टोलों को छोडक़र जहां-जहां राज्य के टोल हैं, उन्हें हटाने पर विचार किया जा रहा है और इस सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा ही अन्तिम निर्णय लिया जाएगा।
एक अन्य प्रश्र के उत्तर में उन्होंने कहा कि कई बार स्थानीय विधायक की मांग पर मुख्यमंत्री किसी सडक़ को चार मार्गी बनाने की घोषणा कर देते हैं, परंतु जमीन उपलब्ध न होने के कारण इसमें दिक्कतें आती हैं। आज विभाग के अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री की घोषणाओं की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि जहां जमीन अधिग्रहण नहीं की जा सकती, वहां पर मार्केट या कलेक्टर रेट से 10 या 15 प्रतिशत कम लागत पर जमीन लेकर सडक़ बनाए जाएंगे। चार मार्गी सडक़ के लिए कम से कम 45 मीटर जमीन की आवश्यकता होती है।
एक अन्य प्रश्र के उत्तर में उन्होंने कहा कि मेवात जिले के नगीना से तिजारा तक सडक़ का निर्माण करवाया जाएगा और इसके लिए राजस्थान सरकार से बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों को जोडऩे वाली सभी सडक़ों का निर्माण करवाया जाएगा।