उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को 400 से ज्यादा घंटों के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। जब मजदूरों को निकालने के लिए किए जा रहे सभी प्रयास विफल साबित हो रहा था, सरकार को कोई उपाय नहीं सूझ रहा था तब स्थानीय लोगों ने बताया कि बौखनाग देवता नाराज हैं, इसलिए काम सफल नहीं हो पा रहा है। अगर सभी मजदूरों को सकुशल निकालना है तो उन्हें पहले मनाना होगा। बता दें कि दीपावली के दिन हुए सुरंग हादसे को लोग बौखनाग देवता का प्रकोप मान रहे हैं। इस बौखनाग देवता को यहां के लोग आराध्य के तौर पर पूजते हैं।
क्या है मामला
यमुनोत्री एनएच में बन रहे सिल्क्यारा सुरंग इलाके के प्रमुख लोक देवता होने के चलते सुरंग परियोजना के शुरू होने से पहले सुरंग के मुंह के पास एक छोटा-सा बाबा बौखनाग का मंदिर बनाया गया था। यहां की परम्परा को सम्मान देते हुए काम में लगे अधिकारी और मजदूर बाबा की पूजा करने के बाद ही सुरंग के अंदर दाखिल होते थे और काम करते थे।
हादसे के बाद स्थानीय लोगों का कहना था कि दिवाली से कुछ दिन पहले निर्माण कंपनी प्रबंधन ने मंदिर को वहां से हटा दिया था। लोगों ने बताया कि टनल के ठीक ऊपर भी जंगल में बौखनाग देवता का मंदिर है। टनल बनाने वाली कंपनी ने 2019 में इसे छेड़कर टनल बनाना शुरू किया और बदले में सुरंग के पास बाबा का मंदिर बनाने का वादा किया था। चार वर्ष बीत गए लेकिन अभी तक मंदिर नहीं बनाया।
स्थानीय लोगों ने कई बार इससे जुड़े अधिकारियों को इसकी याद भी दिलाई, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसके उल्ट सुरंग बन रहे साइट पर कुछ दिन पहले स्थानीय लोगों द्वारा बनाया गया बाबा का छोटा-सा मंदिर भी तोड़ दिया। जैसे से बाबा के मंदिर को तोड़ा गया तो लोग कहने लगे कि ये देवता का ही प्रकोप है कि यह सुरंग ढह गई। उनकी बात सुनी गई होती तो यह हादसा नहीं होता।
फिर बनाया मंदिर
जब सारे प्रयास विफल होने लगा तो अधिकारियों को स्थानीय लोगों की बात याद आई। लोगों की बौखनाग देवता में अटूट आस्था और उनके टनल धंसने के कारणों के पीछे के इस तर्क को देख सुरंग बनाने में जुटे अधिकारियों ने सुरंग साइट पर बौखनाग देवता के पुजारी को बुलाकर 22 नवंबर को श्रीफल फोड़कर पूजा-पाठ कराई। प्रसाद बनवाया और संकल्प लिया गया कि ऑपरेशन जब सफल हो जाएगा तो इनका मंदिर बनाया जाएगा।
टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए आए इंटरनैशनल टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें अर्नोल्ड डिक्स सुरंग के बाहर मंदिर के सामने हाथ जोड़े खड़े हैं और ऑपरेशन सफल होने की कामना कर रहे है। बता दें कि राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी इस मंदिर को प्रणाम करने के बाद ही बचाव कार्यों का जायजा लेने सुरंग के भीतर गए।
पुजारी से क्षमा-याचना की गई
सुरंग में फंसे 41 लोगों के बचाव कार्यों में लगातार आ रही मुश्किलों के बाद अधिकारियों ने बौखनाग देवता के पुजारी को बुलाकर उनसे क्षमा याचना की और पूजा संपन्न करवाई। बाबा बौखनाग देवता के पुजारी ने सुरंग में पूजा अर्चना की और शंख बजाया। बौखनाग देवता की पूजा आरती के बाद पुजारी ने सुरंग के चारों तरफ चावल फेंके और 41 मजदूरों को बचाने के लिए किए जा रहे अभियान की सफलता के लिए प्रार्थना की। पुजारी के अनुसार बाबा बौखनाग ही इस इलाके के रक्षक हैं और बिना उनकी अनुमति के यहां कोई भी काम सफल नहीं हो सकता।