India-Maldives News: मालदीव में भारतीय राजदूत मुनु महावर ने गुरुवार को मालदीव के नये विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात की है और दोनों देशों के बीच विशेष साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक ‘सार्थक चर्चा’ की है। भारतीय राजदूत ने मालदीव के नये विदेश मंत्री से उस वक्त मुलाकात की है, जब मालदीव के नये राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से अनुरोध किया है, कि वो मालदीव से अपने सैनिकों को बाहर निकाल ले।
आपको बता दें, कि मालदीव में करीब 5 लाख लोग रहते हैं और वहां के नये राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने 17 नवंबर को शपथ ग्रहण के बाद कहा था, कि मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को उन्होंने देश से बाहर निकलने के लिए कहा है, लिहाजा दोनों देशों के बीच के संबंध थोड़े तनावपूर्ण हो गये हैं। जबकि, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान भारत और मालदीव के बीच काफी मजबूत द्विपक्षीय संबंध थे।
मालदीव-भारत के बीच अहम बैठक
भारत के राजदूत मुनु महावर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, कि “विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात करके खुशी हुई। विदेश मंत्री डॉ.एसजयशंकर की ओर से उन्हें शुभकामनाएं दी गईं। भारत और मालदीव के बीच विशेष साझेदारी बढ़ाने पर बहुत उपयोगी चर्चा हुई।”
बैठक के दौरान, ज़मीर ने मालदीव के सामाजिक-आर्थिक विकास में भारत के निरंतर समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और चल रही विकासात्मक परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के महत्व पर जोर दिया।
वहीं, मालदीव के विदेश मंत्री जमीर ने एक्स पर कहा, “मैंने मालदीव-भारत द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।”
आपको बता दें, कि 17 नवंबर को भारतीय राजदूत महावर और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की उपस्थिति में एक समारोह में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने मूसा जमीर को मालदीव का नया विदेश मंत्री नियुक्त किया है और मालदीव के विदेश मंत्री से भारतीय राजदूत की मुलाकात उस वक्त हुई, जब राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू बुधवार को ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट की साइट का दौरा कर रहे थे।
ये इसलिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि माले कनेक्टिविटी परियोजना 2022 में शुरू की गई थी और इसके लिए भारत ने 100 मिलियन डॉलर का अनुदान और 400 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन दी थी। यह राजधानी माले को विलिंग्ली, गुलहिफाल्हू और थिलाफुशी के निकटवर्ती द्वीपों से जोड़ता है।
वहीं, मूसा जमीर को विदेश मंत्री के रूप में नियुक्ति पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बधाई दी, जिस पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, कि वह आपसी हित और चिंता के मुद्दों पर भारत के साथ काम करने और दोनों देशों के बीच समय-परीक्षणित संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं।
भारतीय सेना को लेकर क्या हुई बात?
मालदीव के राष्ट्रपति बनने के बाद, चीन समर्थक माने जाने वाले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के साथ बैठक के दौरान औपचारिक रूप से भारत से देश से अपने सैन्य कर्मियों को वापस लेने का अनुरोध किया था।
राष्ट्रपति ने कहा था, कि सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में मालदीव के लोगों ने उन्हें भारत से अनुरोध करने के लिए एक मजबूत जनादेश दिया था और उम्मीद जताई, कि भारत मालदीव के लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान करेगा। मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय ने इसको लेकर बयान जारी किया था।
वहीं, भारतीय मंत्री रिजिजू और मुइज्जू के बीच बैठक पर सरकारी सूत्रों ने कहा, कि भारत और मालदीव द्वीपसमूह में भारतीय सैन्य प्लेटफार्मों के उपयोग को जारी रखने के लिए ‘व्यावहारिक समाधान’ पर चर्चा करने पर सहमत हुए हैं, क्योंकि वे दोनों देशों के हितों की सेवा करते हैं।
मुइज्जू ने न केवल 77 भारतीय कर्मियों की मालदीव से वापसी की मांग की, बल्कि भारत के साथ 100 समझौतों की समीक्षा का भी आदेश दिया है, जिससे यह चिंता पैदा हो गई है, कि भारत-मालदीव संबंध खराब होते जा रहे हैं।