What is White Phosphorous Bombs: ह्यूमन राइट्स वॉच ने गुरुवार को कहा है, कि इस हफ्ते हमास के एक आश्चर्यजनक हमले के बाद इज़राइल, लेबनान और गाजा में सैन्य अभियानों के दौरान सफेद फास्फोरस बमों का इस्तेमाल कर रहा था। इजराइल, और हमास के बीच लड़ाई में इज़राइल में 1,200 से अधिक लोग और गाजा में 1,400 लोग मारे गए हैं, जो 1948 में देश के निर्माण के बाद से सबसे घातक हमला है।
ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने गुरुवार को कहा कि इस सप्ताह हमास के एक आश्चर्यजनक हमले के बाद इजराइल लेबनान और गाजा में सैन्य अभियानों के दौरान सफेद फास्फोरस बमों का इस्तेमाल कर रहा था।
फॉस्फोरस बम फोड़ रहा इजराइल?
ह्यूमन राइट्स वॉच के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के डायरेक्टर लामा फकीह ने कहा, कि भीड़भाड़ वाले नागरिक इलाकों में सफेद फास्फोरस के उपयोग से असहनीय जलन और आजीवन जख्म का खतरा बढ़ जाता है। एचआरडब्ल्यू ने यह भी कहा है, कि गाजा के घनी आबादी वाले इलाकों में रसायन का उपयोग अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी का उल्लंघन है और नागरिक चोट और जीवन की हानि से बचने के लिए, उन्होंने इजराइल से सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है। हालांकि, इजरायली अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है, कि वे लड़ाई के दौरान सफेद फास्फोरस का उपयोग कर रहे हैं या नहीं?
सफेद फास्फोरस क्या है?
सफेद फास्फोरस, जो आकाश में एक विशिष्ट सफेद निशान छोड़ता है, उसका उपयोग या तो निशान लगाने, संकेत देने और अस्पष्ट करने के लिए किया जाता है, या आग लगाने के लिए एक हथियार के रूप में किया जाता है, जिसकी चपेट में आने वाली वस्तुएं या फिर सामान भी जल जाते हैं। वायुमंडलीय ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर रसायन प्रज्वलित हो जाता है और तब तक जलता रहता है, जब तक उसमें ऑक्सीजन की कमी न हो जाए या वह समाप्त न हो जाए। रासायनिक प्रतिक्रिया से तीव्र गर्मी भी पैदा होती है और तापमान 815 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है, जिसकी चपटे में आने पर एक इंसान सेकंड्स में पिघल जाएगा। इसका एक और महत्वपूर्ण आग लगाने वाला प्रभाव होता है जो लोगों को गंभीर रूप से जला सकता है और आसपास की संरचनाओं, खेतों और अन्य नागरिक वस्तुओं को खाक कर देता है। लोगों को निशाना बनाने के अलावा, इस रसायन का उपयोग सेना की गतिविधियों को छिपाने, युद्ध के मैदान को रोशन करने या आग से इमारतों को नष्ट करने के लिए स्मोकस्क्रीन बनाने के लिए किया जाता है।
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सफेद फास्फोरस का इस्तेमाल चिंताजनक क्यों है?
ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा है, कि दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक गाजा में सफेद फास्फोरस का उपयोग नागरिकों के लिए जोखिम को बढ़ाता है और नागरिकों को अनावश्यक जोखिम में डालने पर अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के निषेध का उल्लंघन करता है। एजेंसी ने कहा, कि “सफेद फास्फोरस, मनुष्यों के संपर्क में आने पर, उन्हें थर्मल और रासायनिक रूप से, उनकी हड्डी तक जला सकता है, क्योंकि यह इंसानों के शरीर में मौजूद वसा में मानव मांस में अत्यधिक घुलनशील होता है।” रासायनिक टुकड़े उपचार के बाद भी घावों को खराब कर देते हैं और यह खून में मिल जाता है, जिसकी वजह से इंसानी शरीर के कई ऑर्गन फेल हो जाते हैं। वहीं, जब घाव से पट्टियों को हटा दिया जाता है और ऑक्सीजन के संपर्क में घाव आता है, तो वो फिर से फट जाता है। ऐसे मामलों में, मामूली जलन भी घातक हो सकती है। जीवित बचे लोगों के लिए, व्यापक घाव मांसपेशियों के ऊतकों को कसता है और शारीरिक विकलांगता पैदा करता है।
क्या कहता है अंतर्राष्ट्रीय कानून?
अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत, सफेद फास्फोरस को नागरिकों के पास उपयोग के लिए प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन स्मोकस्क्रीन बनाने के लिए इसकी अनुमति है। कई रिपोर्ट में कहा गया है, कि गाजा पट्टी में बिजली सप्लाई बंद होने के बाद से इजराइल, आसमान में रोशनी पैदा करने के लिए इसके एक रूप का इस्तेमाल करता है।
यह रसायन, रासायनिक हथियारों पर कन्वेंशन (सीसीडब्ल्यू) के अंतर्गत शामिल नहीं है, जो 1997 में लागू हुआ था। हालांकि, सीसीडब्ल्यू के प्रोटोकॉल III के तहत नागरिक क्षेत्रों में हवा से भेजे जाने वाले आग लगाने वाले हथियारों का उपयोग करके हमले प्रतिबंधित हैं, लेकिन यह नियम केवल हथियारों पर लागू होता है। एएफपी के अनुसार, फ्रांस के फाउंडेशन फॉर स्ट्रैटेजिक रिसर्च (एफआरएस) के एक शोधकर्ता ओलिवियर लेपिक ने कहा, “फॉस्फोरस को रासायनिक हथियार के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है, लिहाजा यह दुनिया की कई सेनाओं के लिए उपलब्ध है।” इजरायली सेना गाजा में पिछले संघर्षों से फिलिस्तीनी क्षेत्रों में सफेद फास्फोरस का उपयोग कर रही है, जिसमें 2009 का संघर्ष भी शामिल है, जहां फिलिस्तीनियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की सहायता एजेंसी के प्रमुख ने इजरायल पर गाजा में सफेद फास्फोरस का उपयोग करने का आरोप लगाया था।