Gaza Strip Kya hai: आतंकवादी संगठन फिलिस्तीनी समूह हमास के खिलाफ इजराइल का युद्ध अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है और अभी तक 1600 से ज्यादा लोगों की मौत इस युद्ध में हो चुकी है। घायलों की संख्या 2500 के आंकड़े को पार कर चुकी है। लेकिन, इजराइल ने कल शाम गाजा पट्टी शहर के नाकेबंदी की घोषणा कर दी, जिसके बाद अब ये शहर दुनिया का नर्क बनने की तरफ बढ़ निकला है।
इजराइल ने घोषणा की है, कि वो गाजा पट्टी में खाने पीने की सप्लाई के साथ साथ बिजली की सप्लाई भी रोक रहा है। लिहाजा, दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी घनत्व वाले इस क्षेत्र की स्थिति दयनीय बन गई है। हालांकि, हमास आतंकियों का गढ़ रहे गाजा पट्टी से ही हर बार इजराइल के खिलाफ युद्ध की शुरूआत की गई है, लेकिन इजराइली के जवाबी हमले में इस क्षेत्र में हमेशा से तबाही मचती रही है।
अब हम आपको गाजा पट्टी का नक्शा दिखाकर समझाते हैं, कि आखिर गाजा पट्टी कैसा दिखता है, इसका आकार कैसा है, इसकी आबादी कितनी है, गाजा पट्टी का घनत्व कितना है और जिस जगह से इजरायल को निशाना बनाया जाता है, वो जगह कैसा है?
गाजा पट्टी क्षेत्र कैसा दिखता है?
फिलीस्तीन के गाजा पट्टी पर आतंकवादी संगठन हमास का नियंत्रण है और इस शहर की जनसंख्या 21 लाख के करीब है। गाजा पट्टी को विश्व का सबसे ज्यादा घनत्व वाला शहर कहा जाता है, यानि, काफी कम क्षेत्रफल में काफी ज्यादा लोग रहते हैं। साल 2008 से गाजा पट्टी से इजरायल की चार बड़ी लड़ाईयां हो चुकी हैं और छिटपुट संघर्ष साल भर चलता रहता है, जिसमें गाजा शहर के हजारों बेगुनाह मारे जा चुके हैं। हालांकि, इजरायल का आरोप रहता है, कि गाजा से संचालित होने वाले आतंकवादी संगठन नागरिकों की आड़ में रॉकेट चलाते हैं, जिन्हें जवाबी कार्रवाई में नुकसान पहुंचता है। गाजा पट्टी से मुख्य तौर पर दो आतंकी संगठन चलते हैं। एक का नाम हमास है, तो दूसरे का नाम ‘इस्लामिक जिहाद’ है। ये दोनों अकसर इजराइल पर हमले करते रहते हैं।
दुनिया का सबसे ज्यादा घनत्व वाला शहर
गाजापट्टी पांच अलग अलग क्षेत्र हैं और उन्हें मिलाकर आबादी करीब 21 लाख है। इन क्षेत्रों के नाम उत्तरी गाजा, गाजा शहर, दीर अल-बाला, खान यूनिस और रफाह हैं। भूमध्यसागरीय तट पर इजराइल और मिस्र की सीमा पर, स्थित गाजा पट्टी लगभग 365 वर्ग किलोमीटर (141 वर्ग मील) क्षेत्र में फैला हुआ है। गाजा पट्टी की लंबाई सिर्फ 41 किलोमीटर है। सिर्फ 41 किमी लंबे क्षेत्र में दक्षिण में रफाह से उत्तर में बेत हानौन तक ड्राइव करने में एक घंटे से भी कम समय लगता है। साल 2008 के बाद से, इजराइल ने फिलिस्तीनी क्षेत्र पर चार युद्ध छेड़े हैं, जिसमें हजारों लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, गाजा पर इजरायल के आखिरी हमले (2021) के दौरान इजरायल के हमलों में 67 बच्चों सहित कम से कम 261 लोग मारे गए थे और 2,200 से अधिक घायल हो गए थे। 11 दिनों के हमले ने 46 स्कूलों, दो किंडरगार्टन, नियर ईस्ट (यूएनआरडब्ल्यूए) प्रशिक्षण केंद्र में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी, और इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ गाजा के कुछ हिस्सों सहित कम से कम 51 शिक्षा सुविधाओं को नुकसान पहुंचा था। कैसा है उत्तरी गाजा शहर उत्तरी गाजा जिला, इजरायल के साथ 10 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। गाजा पट्टी एक ठोस दीवार और डबल-वायर्ड बाड़ से युक्त एक भारी किलेदार परिधि से घिरा हुआ है। जो कोई भी इस बाधा के 1 किमी के भीतर कदम रखता है, उसे इजरायली सेना द्वारा गोली मारने का खतरा होता है। बीट हनून क्रॉसिंग, जिसे इजराइली ईरेज़ के रूप में मान्यता देते हैं, उसे इज़राइली सेना ने प्रबंधित कर रखा है, जबकि गाजा का इज़राइल में एकमात्र उत्तरी क्रॉसिंग यहीं से है। इस क्रॉसिंग से विशेष परिमिट वाले वाहनों, जिनमें ज्यादातर मेडिकल संबंधित होते हैं और जिन्हें येरूशलम आना या जाना होता है, उन्हें ही गुजरने की इजाजत दी जाती है। गाजा पट्टी, येरुशलम से केवल 100 किमी की दूरी पर है, लेकिन कड़े सुरक्षा उपायों के कारण गाजा से येरूशलम जाने में कई घंटों का वक्त लगता है।
साल 2007 से इज़राइल ने गाजा की समुद्री और हवाई क्षेत्र में नाकेबंदी कर रखी है। उत्तरी गाजा पट्टी में सबसे बड़ा शरणार्थी शिविर है, जिसका नाम जबालिया शरणार्थी शिविर है, जो 1.4 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करता है, और 114,000 की आबादी के साथ यह पृथ्वी पर सबसे घनी आबादी वाले शरणार्थी शिविरों में एक है।
कैसा है गाजा सिटी?
गाजा सिटी में करीब 7 लाख लोग रहते हैं और ये गाजा पट्टी के भीतर सबसे ज्यादा घनत्व वाला क्षेत्र है। रिमल, शुजैया और तेल अल-हवा इसके सबसे प्रसिद्ध इलाकों में से हैं।
रिमल में अल शिफा अस्पताल है, जो गाजा पट्टी का सबसे बड़ी चिकित्सा सुविधा केन्द्र है। इस अस्पताल के चारों ओर यूएनआरडब्ल्यूए, मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष समन्वयक कार्यालय (यूएनएससीओ) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) सहित संयुक्त राष्ट्र के कई परिसर हैं। गाजा के शीर्ष विश्वविद्यालय, गाजा इस्लामी विश्वविद्यालय, अल-अजहर विश्वविद्यालय – गाजा और अल-अक्सा विश्वविद्यालय भी इन्हीं इलाके में कुछ सौ मीटर की दूरी के दायरे में स्थित हैं।
शती शरणार्थी शिविर, जिसे बीच कैंप के रूप में भी जाना जाता है, वह गाजा सिटी के भूमध्यसागरीय तट के किनारे स्थित है और गाजा पट्टी के आठ शिविरों में से तीसरा सबसे बड़ा है।
दीर अल-बाला
दीर अल-बाला, जिसका मतलब ‘खजूर का मठ’ होता है, वो गाजा पट्टी के सबसे बड़े कृषि उत्पादक क्षेत्र में से एक है। यहां पर चार शरणार्थी शिविर हैं, जिनके नाम नुसीरत, अल ब्यूरिज, अल मगजी और दीर अल-बाला हैं।
गाजा का एकमात्र ऑपरेटिंग पावर प्लांट, गाजा शहर के साथ इस जिले की सीमा के साथ स्थित है। पिछले 10 वर्षों से गाजा पट्टी बिजली की कमी से जूझ रही है, जिसने स्वास्थ्य, पानी और स्वच्छता सेवाओं, विनिर्माण और कृषि सहित आवश्यक सेवाएं प्रदान करने की इसकी क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, गाजा का केवल 5 प्रतिशत पानी ही पीने के लिए सुरक्षित है और इसकी 68 प्रतिशत आबादी खाद्य असुरक्षा से पीड़ित है।
खान युनिस
खान यूनिस जिला करीब 4 लाख लोगों का घर है। इसके केंद्र में खान यूनिस शरणार्थी शिविर है, जहां लगभग 87 हजार लोग रहते हैं।
साल 2005 में करीब 8,000 यहूदी, गाजा शहर के आसपास के 21 बस्तियों से आकर यहां बस गये, जिनमें से ज्यादातर इजराइल नियंत्रित वेस्ट बैंक से यहां आए थे। ये काम इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री एरियल शेरोन के कार्यकाल में हुआ था, जिन्होंने गाजा पट्टी के इस क्षेत्र में एकतरफा बदलाव कर दिया था, इनमें से अधिकांश बस्तियां खान यूनिस में थीं।
इज़राइल ने दावा किया, कि 1967 से गाजा पर उसका कब्जा समाप्त हो गया है, क्योंकि उसने अपने सैनिकों और बसने वालों को इस क्षेत्र से वापस बुला लिया है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय कानून, गाजा को एक कब्जे वाले क्षेत्र के रूप में ही देखता है, क्योंकि इजरायल का गाजा की सीमाओं, हवाई क्षेत्र और क्षेत्रीय जल पर पूर्ण नियंत्रण है।
रफाह जिला
रफाह जिला की आबादी करीब ढाई लाख है और ये जिला गाजा का सबसे दक्षिणी जिला है। यह जिला मिस्र के साथ क्रॉसिंग के लिए जाना जाता है। इज़राइल और मिस्र, दोनों ने अपनी सीमाओं को काफी हद तक इस जिले से बंद रखा है, जिसकी वजह से गाजा, जो पहले से ही आर्थिक और मानवीय परेशानियों से जूझ रहा है, वो संकट और भी बढ़ जाता है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, साल 2020 में रफाह क्रॉसिंग और इरेज़ क्रॉसिंग इज़राइल में केवल 125 दिनों के लिए खुले थे। वहीं, जो फिलीस्तीनी गाजा पट्टी से निकलना चाहते हैं, उन्हें पहले एक आवेदन देना होता है और सीमा पर कैसा तनाव है, उसे देखते हुए नागरिकों को गाजा छोड़ने पर फैसला किया जाता है।
आवेदन पर फैसला होने में कई हफ्ते या कई महीने लग सकते हैं, जो बॉर्डर की स्थिति पर निर्भर करता है। वहीं, जो लोग रफाफ क्रॉसिंग के माध्यम से बाहर निकलने में सक्षम होते हैं, उन्हें लगभग 400 किमी (250 मील) दूर, काहिरा के रास्ते में मिस्र की कई चौकियों से गुजरते हुए सिनाई रेगिस्तान के माध्यम से छह से आठ घंटे की यात्रा करनी होती है। रफाह का मिस्र में दूसरा क्रॉसिंग सलाह अल-दीन द्वार है, जिसका उपयोग माल परिवहन के लिए किया जाता है।