Fodder Scam: लालू प्रसाद यादव की सजा बढ़ाए जाने को लेकर दरअसल, बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में CBI की याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए दिसंबर के दूसरे सप्ताह में तिथि निर्धारित की है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है। चारा घोटाले में सजायाफ्ता पूर्व मुख्यमंत्री इन दिनों स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर है। वहीं, अब उनकी मुश्किल बढ़ सकती हैं। दरअसल, बुधवार को लालू प्रसाद यादव की सजा बढ़ाए जाने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में CBI की याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत में इस मामले में अगली सुनवाई के लिए दिसंबर के दूसरे सप्ताह में तिथि निर्धारित की है। सीबीआई की ओर से देवघर कोषागार मामले में लालू प्रसाद की सजा
देवघर कोषागार मामले में लालू प्रसाद की सजा बढ़ाने की मांग
चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव की सजा बढ़ाए जाने को लेकर बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में सीबीआई की याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत में इस मामले में अगली सुनवाई के लिए दिसंबर के दूसरे सप्ताह में तिथि निर्धारित की है। सीबीआई की ओर से देवघर कोषागार मामले में लालू प्रसाद की सजा बढ़ाने की मांग की गई है।
CBI की ओर से कहा गया है कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के उच्च षड्यंत्र में शामिल थे। इसलिए उन्हें अधिकतम सात साल की सजा दी जानी चाहिए। इसी मामले में जगदीश शर्मा को अदालत ने सात साल की सजा सुनाई है, जबकि लालू को पांच साल की सजा सुनाई गई है।
अब जान लीजिए क्या है चारा घोटाला?
चारा घोटाला बिहार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला था, जिसमें पशुओं को खिलाये जाने वाले चारे के नाम पर 950 करोड़ रुपये सरकारी खजाने से फर्जीवाड़ा करके निकाल लिया गया था। सरकारी खजाने की इस चोरी में अन्य कई लोगों के अलावा बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव व पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र पर भी आरोप लगा। इस घोटाले के कारण लालू यादव को अपने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि उनके इस्तीफा देने के बाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री बनी थीं।
17 साल बाद आया था फैसला
चारा घोटाला मामले में लालू यादव को जेल भी जाना पड़ा और वे कई महीने तक जेल में रहे भी। लगभग सत्रह साल तक चले इस ऐतिहासिक मुकदमे में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने लालू प्रसाद यादव को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये 3 अक्टूबर 2013 को पांच साल की कैद व पच्चीस लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।