9-11 Anniversary: 10 सितंबर की सुबह-सुबह जी 20 में शामिल होने भारत आए राष्ट्रपति जो बाइडेन अमेरिका लौट गए। बाइडेन 22 साल पहले आतंकियों के खतरनाक हमले वाले दिन 9/11 की बर्सी से एक दिन पहले स्वदेश लौटे। आज यानी 11 नवंबर के दिन एक बार फिर सबको वो दिन याद आ गया, जब अमेरिका विस्फोटों की आवाज से दहल उठा था।
आज से 22 साल पहले ही वो काला दिन आया था, जब आतंकवादियों ने अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देते हुए दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका पर हमला बोला था। आतंकवादियों के किसी हमले को आज तक का सबसे बड़ा हमला माना जाता है, तो वो है 9/11…
इस खौफनाक घटना को अलकायदा के आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। आतंकियों ने कॉर्मशियल विमानों को हाईजैक कर न्यूयॉर्क के ट्विन टावर, पेंटागन बिल्डिंग समेत कई जगहों पर क्रैश करवा दिया था। इस आतंकी घटना में 3000 लोगों की जान चली गई थी।
11 सितंबर का ही दिन था, जब आंतकियों ने अमेरिका जैसे ताकतवर देश पर हमला बोल दिया था। आज इस घटना को पूरे 22 साल बीत चुके हैं लेकिन हमले के जख्म अभी तक भर नहीं सके। ये ऐसी घटना है, जिसे भुला पाना लगभग नामुमकिन सा है। 22 साल बाद इस घटना के दो औऱ पीड़ितों की भी पहचान हुई है। इस बात की पुष्टि न्यूयॉर्क के चीफ मेडिकल एग्जामिनर ने की है।
हमले के 2 पीड़ितों की हुई पहचान पीड़ितों ने अपने नामों का खुलासा ना करने की अपील की है। लेकिन ये जानकारी सामने आई है कि इनमें एक महिला और एक पुरुष हैं। अधिकारियों की मानें तो उनकी पहचान पीड़ित संख्या 1648 और 1649 के रूप में होगी।
कैसे हुई पीड़ितों की पहचान? अधिकारियों ने जानकारी दी कि 2001 की घटना से मिली अस्थियों से पीड़ित पुरुष का डीएनए मैच किया गया था। वहीं महिला की पहचान 2001, 2006 और 2013 में मिली अस्थियों के डीएनए टेस्टिंग से की गई है।