जनसंवाद कार्यक्रम में सीएम ने सवाल पूछने वालों को अपमानित करने का लिया हुआ है ठेका
रोजगार मांगने वालो को चंद्रयान-4 से चांद पर भेजने की बात बेरोजगारों का अपमान
चंडीगढ़, 8 सितंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस समय अहंकार में डूबे हुए है, सवाल पूछने या रोजगार मांगने वालों को अपमानित किया जा रहा है। जनसंवाद कार्यक्रम लोगों की समस्याएं सुनने का नहीं महिलाओं को अपमानित करने का कार्यक्रम बनकर रह गया है। रोजगार मांगने वालो को चंद्रयान-4 से चांद पर भेजने की बात कहना एक प्रकार से बेरोजगारों का अपमान है। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार से परेशान जनता आने वाले चुनाव में अपने इस अपमान का बदला वोट की चोट से लेकर रहेगी।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार के मुखिया और उनके अधिकारी बेलगाम होते जा रहे है जिन्हें जनता के हितों से कोई लेना देना नहीं हैं। जनता परेशान है पर कोई सुनने वाला नहीं है। जनसमस्याएं सुनने और उनके समाधान को लेकर मुख्यमंत्री का जनसंवाद कार्यक्रम चला हुआ है पर इसमें संवाद के बजाए जन अपमान ज्यादा किया जा रहा है। हर जनसंवाद कार्यक्रम में सीएम द्वारा किसी न किसी का अपमानित जरूर किया जा रहा है, महिलाओं का सम्मान करने के बजाए उन्हें मंच से सार्वजनिक रूप से परेशान किया जा रहा है। एक महिला द्वारा रोजगार की बात करना मुख्यमंत्री को इतना अखर गया कि उन्होंने महिला को अगले कार्यक्रम चंद्रयान-4 के माध्यम से चांद भेजने की बात कही जबकि सीएम को पता था कि सवाल पूछने वाली एक महिला है। इससे पूर्व सिरसा जिला में जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान एक महिला सरपंच का अपमान किया था।
उन्होंने कहा कि देश में किसी राज्य का सीएम अपने प्रदेश के लोगों को चांद की सैर करवाना चाहता है। जनसंवाद कार्यक्रम में सीएम कुछ न कुछ नया करके आते है, हर कार्यक्रम में भीड़ बढ़ रही है क्योंकि लोगों के छोटे मोटे काम नहीं हो रहे है, अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे है ऐसे में जनता सीएम के पास जाती है जो सुनवाई करने के बजाए जनता को अपमानित कर रहे हैं। सरकार के रवैए को लेकर जनता दु:खी है उनके मन में पीड़ा है, विधायक तक काम को लेकर परेशान है। जब जनता परेशान होती है और उसकी कोई नहीं सुनता तो उसके पास लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति वोट होती है जिसका प्रयोग कर वह घमंडियों का तख्ता पलट कर देती है, जनता को आने वाले चुनाव को इंतजार है, इस बार भाजपा-गठबंधन सरकार को सत्ता से बाहर करके जनता अपने अपमान का बदला जरूर लेगी।
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एमएसपी की न तो कोई गारंटी दी, और न कर रहे है: कुमारी सैलजा
बाजरे की सरकारी खरीद एमएसपी पर तुरंत शुरू कराए सरकार
किसानों को निजी हाथों में फसल बेचने से हो रहा नुकसान
चंडीगढ़, 8 सितंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने बाजरे की सरकारी स्तर पर खरीद अभी तक शुरू नहीं की है जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। मंडी में किसान बाजरा लेकर आ रहे हैं, उसे एमएसपी से कम दाम पर व्यापारियों को बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे में किसानों को प्रति क्विंटल 500-600 रुपये का नुकसान हो रहा है। प्रदेश सरकार को ऐसे में तुरंत प्रभाव से सरकारी स्तर पर मंडियों में खरीद का ऐलान करना चाहिए।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि तीन काले कृषि कानूनों के विरोध के बाद गठबंधन सरकार किसानों को परेशान करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है। किसी न किसी बहाने से किसानों का शोषण कराने का कोई न कोई तरीका खोज ही लेती है। कभी जरूरत के समय उन्हें खाद्य, बिजली, मुहैया नहीं कराए जाते तो कभी खाद्य के साथ जबरन कीटनाशक थमा दिए जाते हैं। कभी तैयार फसल की खरीद का भी इंतजाम नहीं किया जाता, तो कभी बीज के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी कर दी जाती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दक्षिण हरियाणा में बाजरे की फसल जल्द तैयार होकर मंडी पहुंच जाती है, लेकिन इसकी खरीद कब शुरू होगी, इसकी घोषणा अभी तक नहीं की गई है। किसानों के पास इतनी जगह नहीं होती कि वे फसल को स्टोर कर सकें। इसलिए इसे लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं। तय एमएसपी के मुताबिक बाजरा 2500 रुपये प्रति क्विंटल बिकना चाहिए, लेकिन इसे 1900-2000 रुपये प्रति क्विंटल बेचने को मजबूर हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि जब समय पर खरीद ही शुरू नहीं होगी तो फिर एमएसपी पर खरीददारी करना ढकोसला ही कहा जाएगा। किसानों को किसी भी सूरत में एक नए पैसे का भी फायदा न हो, इसलिए ही आज तक एमएसपी की गारंटी का कानून नहीं बनाया गया। जबकि, किसान आंदोलन की समाप्ति के दौरान भाजपा की केंद्र सरकार ने कानून बनाने का वादा किया था। इसकी सच्चाई तो यह है कि इसके लिए बनाई कमेटी की आज तक कोई बैठक भी नहीं हुई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार किसानों को परेशान करना बंद करे। क्योंकि, मौसम की मार से वे पहले ही बेहाल हैं। कम उत्पादन के कारण पहले ही परेशान हैं। इसलिए मंडियों में बाजरे की सरकारी खरीद तुरंत प्रभाव से शुरू कराने के आदेश दे।