RTI Against God : बिहार के दरभंगा जिला के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री से मौसम के संबंध में जवाब मांगा है। उन्होंने मंत्रालय से पूछा है कि कहीं चंद्रयान 3 के कारण प्रकृति के साथ किसी प्रकार का छेड़छाड़ तो नहीं हुआ है।
RTI Against God : देशभर में बीते कुछ दिनों से मौसम में काफी बदलाव आया है। देश के कई राज्यों में बारिश का दौर थम गया है और कई जगह गर्मी और चिलचिलाती धूप ने लोगों का घर से बाहर निकला मुश्किल कर दिया है। मौसम में हो रहे बदलाव के साथ भीषण गर्मी से तंग आकर बिहार के दरभंगा जिला के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री से मौसम के संबंध में जवाब मांगा है। उन्होंने मंत्रालय से पूछा है कि आप भगवान को सलाहकार मानकर जबाब दें कि कहीं चंद्रयान 3 के कारण प्रकृति के साथ किसी प्रकार का छेड़छाड़ तो नहीं हुआ है। इसके साथ ही बारिश कम होने और गर्मी ज्यादा पड़ने के बारे में भी पूछा है।
चंद्रयान-3 के कारण प्रकृति के साथ छेड़छाड़ तो नहीं हुआ?
आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार झा ने पूछा है कि वर्तमान के मौसम में अभी बारिश होनी चाहिए लेकिन बारिश नहीं हो रही है। लोगों को गर्मी और उमस से काफी काफी परेशानी हो रही है। हाल ही में चंद्रयान-3 चंद्रमा पर लैंड किया है। इसे लेकर भारत सरकार के मंत्रालय से सवाल पूछा है। उन्होंने कहा कि आप भगवान को सलाहकार मानकर नए उपकरण का जो आपने प्रयोग किया है। उसके तहत हमें जवाब मिले कि क्या आपने प्रकृति के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ की है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से मांगी जानकारी
राजकुमार झा ने कहा कि हमने मंत्रालय से पूछा है कि आप भगवान को सलाहकार मान करके नए उपकरण का जो आपने प्रयोग किया है उसके तहत हमें जवाब दें कि क्या आपने प्रकृति के साथ किसी प्रकार का छेड़छाड़ किया है। इसके कारण तो कहीं मौसम अनुकूल रहने के बावजूद बारिश नहीं हो रही है। आरटीआई के जरिए ये जानकारी पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से मांगी गई है।
भारत सरकार के जवाब का इंतजार
दरभंगा जिले के गौरा बौराम प्रखंड के आसी पंचायत स्थित महुआर गांव के निवासी राजकुमार झा ने आरटीआई लगाते हुए भारत सरकार से ये जवाब मांगा है। राजकुमार के इस कदम की सभी लोग चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी और बारिश ना के बराबर होने के कारण जनमानस के मन मष्तिस्क में उठ रहे सवालों के कारण ये कदम उठाया। अब देखना यह है कि भारत सरकार सूचना अधिकार आवेदन का जवाब क्या देती है।