PM Modi Interview: अगले हफ्ते नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में जी20 की बैठकें आयोजित करने पर पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है, कि देश के हर हिस्से में बैठकें आयोजित करना स्वाभाविक है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में पीएम मोदी ने कहा, कि “देश के हर हिस्से में बैठकें आयोजित करना स्वाभाविक है।”
आपको बता दें, कि इस वर्ष 26 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में G20 बैठक आयोजित की गई थी। चीन ने उस बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। शी जिनपिंग के नेतृत्व वाला देश अरुणाचल पर भारत की संप्रभुता को मान्यता नहीं देता है और दावा करता है कि राज्य दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है। हालांकि, भारत ने सिरे से चीन के इस दावे को खारिज कर दिया है।
जी20 की अध्यक्षता पर क्या बोले पीएम मोदी? पीएम मोदी ने भारत की जी20 अध्यक्षता के बारे में विस्तार से बात की है। प्रधान मंत्री ने 9 और 10 सितंबर को होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के महत्व पर बात करते हुए कहा, कि वैश्विक आयोजन में भारत की अध्यक्षता के कई प्रभाव “उनके दिल के करीब” हैं।
उन्होंने कहा, “भारत की जी20 की अध्यक्षता से कई सकारात्मक प्रभाव पड़े, कुछ मेरे दिल के बहुत करीब हैं।” उन्होंने कहा, “जी20 में, हमारे शब्दों और दृष्टिकोण को दुनिया भविष्य के लिए एक रोडमैप के रूप में देखती है, न कि केवल विचारों के रूप में।” प्रधान मंत्री ने जी20 की अध्यक्षता के दौरान विश्व शांति सुनिश्चित करने के प्रयासों में भारत के समर्थन का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, “चाहे जी20 अध्यक्ष हों या नहीं, हम दुनिया भर में शांति सुनिश्चित करने के हर प्रयास का समर्थन करेंगे। हम अपने जी20 अध्यक्ष पद के बाद भी रचनात्मक योगदान जारी रखेंगे।”
पीएम मोदी ने कहा कि सभी क्षेत्रों में लिए गए जी20 मंत्रिस्तरीय फैसले दुनिया के भविष्य के लिए “महत्वपूर्ण” साबित होंगे। उन्होंने कहा, कि सबसे पिछड़े और उपेक्षित लोगों को संबोधित करने के लिए उनकी सरकार का घरेलू दृष्टिकोण भी वैश्विक स्तर पर भारत का मार्गदर्शन कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, कि “भारत की जी20 प्रेसीडेंसी का विषय ‘वसुधैव कुटुंबकम’ सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक लोकाचार से निकला एक व्यापक दर्शन है। एक समय एक बड़े बाजार के रूप में देखा जाने वाला भारत, अब वैश्विक चुनौतियों के समाधान का हिस्सा है। भारत की जी20 प्रेसीडेंसी ने तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों में भी विश्वास के बीज बोए हैं।”
प्रधान मंत्री मोदी ने जी20 में अफ्रीका को शामिल करने की वकालत की और कहा, कि पृथ्वी की कोई भी भविष्य की योजना सफल नहीं हो सकती, अगर सभी की आवाज को नहीं सुना गया।
उन्होंने कहा, “वर्ष भर चले जी20 कार्यक्रमों में 1.5 करोड़ से ज्यादा भारतीय शामिल हुए हैं। जी20 में अफ्रीका हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। पृथ्वी की कोई भी भविष्य की योजना सभी की आवाजें सुने बिना सफल नहीं हो सकती।”
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
पीएम मोदी ने अपने अगले कार्यकाल में भारत को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में स्थान दिलाने का संकल्प दोहराया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि “निकट भविष्य में भारत, दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होगा। आज भारतीयों के पास विकास की नींव रखने का एक बड़ा मौका है, जिसे अगले हज़ार वर्षों तक याद रखा जाएगा। लंबे समय तक भारत को 1 अरब भूखे पेटों वाले देश के रूप में देखा जाता था, अब यह 1 अरब आकांक्षी दिमागों, 2 अरब कुशल हाथों का देश है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र होगा और इसमें भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता के लिए कोई जगह नहीं होगी।