Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चंद्रयान 3 को चांद पर कदम रखने की दिशा में एक और बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल, चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर (Vikram Lander) में लगे कैमरे चांद की सतह का एक नया वीडियो बनाया है।
जिसे इसरो ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जारी किया है। ये वीडियो चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर पर लगे LPDC सेंसर कैमरा यानी लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा ने बनाया है। इसके अलावा लैंडर इमेजर (एलआई) कैमरा-1 ने एक भी एक वीडियो कैप्चर किया है जिसमें पृथ्वी की एक झलक नजर आ रही है।
Chandrayaan-3 Mission:
🌖 as captured by the
Lander Position Detection Camera (LPDC)
on August 15, 2023#Chandrayaan_3#Ch3 pic.twitter.com/nGgayU1QUS— ISRO (@isro) August 18, 2023
चंद्रयान 3 के लिए क्यों अहम है ये वीडियो बता दें एलपीडीसी विक्रम लैंडर के निचले हिस्से में लगा एक कैमरा है जिसका काम है विक्रम की चांद पर लैडिंग के लिए सही और सपाट जगह तलाश करना। ये चांद की सतह की फोटो और वीडियो इसरो सेंटर में बैठे वैज्ञानिकों को भेज रहा है ताकि ये पता लगाया जा सके कि जहां पर विक्रम लैंड कर रहा है वो चांद की ऊबड़-खाबड़ वाली जगह तो नहीं है या उस जगह पर कोई बड़ा गड्ढ़ा तो नहीं है। साधारण शब्दों में कहें तो चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लैंडिंग के लिए LPDC चांद की सतह पर सपाट जगह तलाश रहा है।
लैंडिग से पहले किया गया है ये ट्रायल माना जा रहा है कि फिलहाल अभी जो इसरो ने वीडियो जारी किया है वो विक्रम लैंडर का ये कैमरा ट्रायल के लिए वैज्ञानिकों ने ऑन किया था ताकि ये चेक किया जा सके कि ये चंद्रमा के निकट पहुंचने के बाद सही से काम कर रहा है या नहीं? हालांकि इससे पहले 2019 में इसरो द्वारा चांद पर भेजे गए चंद्रयान-2 के भी विक्रम लैंडर में LPDC सेंसर का प्रयोग किया गया था, वो भी सही काम किया था।
23 अगस्त है चंद्रयान-3 के लिए सबसे बड़ा दिन बता दें इसरो के लिए चंद्रयान 3 के लिए सबसे बड़ी सफलता तब होगी जब चंद्रयान 3 की 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करवा लेगा इसके साथ ही भारत को अपने मून मिशन में बड़ी कामयाबी मिलेगी। याद रहे पिछली बार चंद्रयान 2 की चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिग ना हो पाने के कारण वो मिशन फेल हो गया था।
LPDC के अलावा अन्य कैमरे भी करेंगे विक्रम की मदद इसलिए इसरो ने चंद्रयान 2 के फॉलोअप मिशन चंद्रयान 3 में बहुत सारे बदलाव किए हैं ताकि चांद की सतह पर उतरने में ये हर हाल में कामयाब हो। LPDC का अहम काम विक्रम लैंडर के लिए लैंडिग के लिए सही जगह खोजना है। इसके अलावा इसमें अन्य भी कैमरा है जो विक्रम लैंडर को सही और सुरक्षित सतह पर उतारने में साथ मिलकर काम करेंगे।
चंद्रयान- 3 की चांद की सतह पर उतरते हुए रखी जाएंगी ये स्पीड इसरो के वैज्ञानिकों के अनुसार जब विक्रम लैंडर को 23 अगस्त को चांद की सतह पर लैंड करवाया जाएगा तो उसकी स्पीड लगभग 2 मीटर प्रति सेकेंड होगी। वैज्ञानिकों ने बताया कि विक्रम लैंडर चांद की 12 डिग्री झुकाव वाली ढलान पर उतारा जा सकता है। विक्रम लैंडर में लगे machine लैंडिग से लगभग 500 मीटर पहले एक्टिवेट हो जाएंगी जो विक्रम लैंडर का चांद पर उतरने के लिए समतल जमीन तलाशने में मदद करेंगे।